पुलिस की असफलता पर एचएम ने साधी चुप्पी

BHASKAR MISHRA
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28 PAIKARA 15बिलासपुर— 2003 के पहले प्रदेश में प्रशासनिक आंतकवाद का जमाना था। सामान्य जनता तो क्या छोटे अधिकारी और कर्मचारी बड़े अधिकारियों के सामने अपनी समस्या रखने से डरते थे। बड़े अधिकारी किसी के नहीं सुनते थे। नक्सलियों का आतंक सिर चढ़कर बोलता था। पुलिस बेलगाम थी। लेकिन आज ऐसा नहीं है। यह बातें प्रदेश के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने सीजी वाल से बातचीत के दौरान कही।

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                   रायपुर से अपने गृहग्राम परिवार के साथ रवाना होने से पहले छत्तीसगढ़ भवन में मीडिया के सामने सीजी वाल के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि 2003 के पहले प्रदेश में प्रशासनिक आतंक का बोलबाला था। कोई किसी का नहीं सुनता था। बेलगाम अधिकारी किसी की नहीं सुनते थे। लेकिन आज एक सामान्य इंसान भी अधिकारियों के सामने अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखता है। उनका काम भी होता है। पैकरा ने बताया कि नान घोटाला जैसा कोई मुद्दा है ही नहीं। जो अधिकारी दोषी थे उनके खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। जांच सामने आ चुकी है। अब कांग्रेस चिल्लाए तो चिल्लाए। कांग्रेस सत्ता के लिए बेचैन है। लेकिन अभी दिल्ली दूर है। वहां भी तो उनकी हालत लोकसभा में बद से बदतर हो चुकी है।

                        पैकरा ने बताया कि पुलिस या सरकार संवेदनहीन नहीं है। मात्र एक जिले में ही नक्सल रह गये हैं। उन्हें भी मार भगाया जाएगा। पुलिस जवानों की लाश घंटो सड़क पर पड़ी रही के प्रश्न पर पैकरा ने कहा कि ना तो हम और ना ही पुलिस संवेदनहीन है। बल्कि नक्सलियों के हौसले अब पस्त जरूर हैं।

                हिट एंड रन मामले मामले में पैकरा ने कहा कि जिन दो बच्चों की मौत हुई है उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। अभी तक आरोपियों को पकड़ा क्यों नहीं गया इसकी हम पुलिस कप्तान से जानकारी लेंगे। गृह ग्राम की एक लड़की का बिलासपुर में अनाचार और एक व्यक्ति की मौत होने तक की पुलिस मारपीट मामले में पैकरा ने कहा कि इन सबकी हम जानकारी लेंगे। जेल में पिछले चार महीनों में छः लोगों की मौत पर किये गये सीजी वाल के सवाल पर पैकरा ने कुछ देर चुप्पी साधने के बाद उपलब्धियों को गिनाना शुरू कर दिया।

                   पैकरी ने बताया कि पीएचई अपना काम ठीक से कर रही है। पत्रकारों ने जब बताया की दुषित पानी पीकर लोग बीमार हो रहे हैं। लेकिन पीएचई को इन सबसे कुछ लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि दोषी अधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा। ट्रैफिक व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।

               पत्रवार्ता के दौरान गृहमंत्री ज्यादातर सवालों को सब ठीक कर लिया जाएगा कहकर टाल दिया। लेकिन बाद में पुलिस विभाग के आलाधिकारियों से मंत्रणा कर शिकायतों को जल्द से जल्द दूर करने को कहा। बताया जा रहा है कि बंद कमरे में आई जी और पुलिस कप्तान को गृहमंत्री पैकरा ने पुलिस कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

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