बिलासपुर– प्रदेश अपराधगढ़ बन गया है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। प्राकृतिक संंसाधनों पर उद्योगपतियों का कब्जा हो चुका है। किसानों को अभी तक सूखा राहत नहीं दिया गया है।जोगी के बाहर निकलने से पार्टी को फायदा ही हुआ है। जोगी अर्जुन सिंह,माधवराव और नारायण दत्त तिवारी से बड़े नेता नहीं है। जो भी पार्टी से बाहर गया उसका हश्र किसी से छिपा नहीं है। जोगी का भी वही हश्र होगा। पार्टी जमीनी स्तर पर लगातार काम कर रही है। बूथ स्तर पर काम किया जा रहा है। घोटालेवाज सरकार को जनता ने हटाने का मन बना लिया है। यह बातें पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता रविन्द्र चौबे ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ भवन में कही।
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए रविन्द्र चौबे ने कहा कि प्रदेश अब अपराधगढ़ बन गया है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। जनता ने सरकार को बदलने का फैसला कर लिया है। रविन्द्र चौबे ने बताया कि जोगी को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया। उन्हें सब कुछ दिया लेकिन जिस तरह से उन्होने पार्टी को छोड़ा वह ठीक नहीं है। कांग्रेस को छोड़कर जाने वालों का हाल अर्जुन सिंह माधवराव सिंंधिया और नारायण दत्त तिवारी जैसी होगी। चौबे ने बताया कि विधानसभा का छोटा सत्र होने से जनहित के कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा नहीं हो पाती है। छोटे राज्यों का सत्र कार्यदिवस कम से कम साठ का होना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में रविन्द्र ने कहा कि प्रदेश राजनीतिक हत्याओं के दौर से गुजर रहा है। प्रशासन पूरी तरह से निरंकुश हो चुका है। चारो तरफ आराजकता का माहौल है। नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार का कहीं नियंत्रण नहीं है। किसानों में भयंकर आक्रोश है। चौबे ने बताया कि प्रदेश में अब तक दो सौ किसानों ने आत्महत्या की है। अकेले राजनांदगांव में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की है। बावजूद इसके आज तक सूखा प्रभावितों तक सरकार का राहत अमला नहीं पहुंचा है। इससे जाहिर होता है कि सरकार कितनी असंवेदनशील है।
पत्रकारों से चौबे ने बताया कि सूखा से प्रभावित लोगों को आरबीसी सी 4,सूखा राहत राशि,बीमा योजना और सरकारी सहायता नहीं अभी भी नहीं मिली है। दरअसल सरकार को घोटाले से फुर्सत ही नहीं है।
चौबे ने बताया कि मनरेगा के पैसे से सफाई अभियान चलाया जा रहा है। मजदूरों का भुगतान आज नहीं किया गया है। मजदूर पलायन को मजबूर हैं। उन्होने बताया कि प्रशासन पूरी तरह से निरंकुश हो चुका है। अमृत दूध की जगह पूतना दूध बांटा जा रहा है। मानिटरिंग की कमी और सरकार की उदासीनता से पूतना दूध से अब तक 12 बच्चों कों मौत हो चुकी है।
रविन्द्र ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर उद्योगपतियों का कब्जा है। पानी तक को उद्योगपतियों ने खरीद लिया है। बावजूद इसके प्रदेश में उद्योगों की हालत दयनीय है। महानदी पर आठ एनिकट बनाए गए हैं। लेकिन किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। चौबे ने बताया कि इन्वेस्टर मीट में दो लाख चार हजार करोड़ एमओयू का किया गया। आज तक एक पैसा राज्य सरकार को नहीं मिला है। तमनार प्लांट को अब 1250 करोड़ में बेचने की तैयारी की जा रही है।
जोगी के बाहर होने से कांग्रेस कमजोर हुई है के सवाल पर चौबे ने कहा कि कांग्रेस अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है। इसलिए हम सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं। उन्होने कहा कि वोटों के अन्तर के प्रतिशत को ना केवल कम किया जाएगा बल्कि बढाते हुए कांग्रेस सरकार भी बनाएगी।