पूर्व थानेदार आशीष वासनिक बर्खास्त..दो आरक्षकों का डिमोशन

BHASKAR MISHRA
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IGबिलासपुर— बिलासपुर रेंज आईजी पवन देव ने एक पत्र जारी कर लोरमी के पूर्व थाना प्रभारी आशीष वासनिक को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। दो साल की लम्बी जांच के बाद लोरमी थाने में तात्कालीन समय पदस्थ प्रधान आरक्षक सौखीलाल ध्रुव और पूनीत राम राठिया को पदावनति कर दो साल तक आरक्षक बनाने का आदेश दिया है। आशीष वासनिक वर्तमान में एक अन्य मामले में पदावनति पर कोंडागांव में उप निरीक्षक  हैं। सौखीलाल ध्रुव इस समय बिलासपुर में और पूनीत राम राठिया वर्तमान में पथरिया थाने में पदस्थ हैं।

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                                        रेंज आई जी कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार 2013 में लोरमी में पदस्थ थानेदार आशीष वासिनक पर पुलिस सेवा के नियम 64(2)46(11) का दोषी पाया गया है। सौखीलाल ध्रुव और पूनीत राम राठिया को  64(2) और 431 के तहत दोषी करार दिया गया है।

               जानकारी के अनुसार 19 नवम्बर 2013 में कोरीडोंगरी वनोपज नाका पर तैनात पूनाराम साहू के साथ  लोरमी थाने में तात्कालीन प्रधान आरक्षक पूनीतराम राठिया और सौखीलाल ध्रव ने मारपीट की। दोनों मोटर सायकल से खुडिया की तरफ से आ रहे थे। इस दौरान दोनों शराब के नशे मदमस्त थे। पूनाराम जब  गाड़ी का नम्बर देखने गया तो पुलिस के दोनों जवानों ने उसके साथ जमकर मारपीट और गाली गलौच की। बुरी तरह से घायल पूनाराम साहू शिकायत दर्ज कराने लोरमी थाना पहुंचा तो आशीष ने रिपोर्ट दर्ज करने से ना केवल इंकार किया बल्कि बल्कि पीटा भी।

                         लोरमी थाना प्रभारी से मार खाने के बाद पूनाराम ने मुंगेली पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई। जांच के बाद आशीष वासनिक और दोनों आरक्षकों को दोषी पाया गया। तीनों को अपनी बातों को रखने का समय भी दिया गया। लेकिन किसी ने भी जांच को गंभीरता से नहीं लिया। मामला आईजी कार्यालय तक पहुंचा। तीनों आरोपियों को सुनवाई का मौका दिया गया। बावजूद इसके पूनीतराम राठिया ने अपना पक्ष नहीं रखा।

                                आईजी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कई बार अवसर देने के बाद आशीष वासनिक ने 20 पन्नों में अपना पक्ष रखा। पत्र में आशीष ने बताया है कि उसने 17 साल की सेवा अवधि में नक्सली क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य किया है। वह अनुसूचित जाति से आता है। आईजी कार्यालय के अनुसार आशीष वासनिक ने अपने सत्रह साल की सेवा में 125 इनाम के विरुद्घ 183 छोटी और एक में बड़ी सजा मिली है। आशीष को दो बार विभागीय जांच में दोषी पाया गया है। अर्थदण्ड जैसे मामलों के अलावा दो साल के लिए निरीक्षक से उपनिरीक्ष के लिए पदावनति किया गया है।

                                जांच के दौरान पाया गया है कि लोरमी समेत आशीष वासनिक जहां भी रहे उनका सेवा रिकार्ड अच्छा नहीं पाया गया है। कारीडोंगरी वनोपज नाका पर तैनात पूनाराम साहू अपने अधिकारियों के निर्देश पर गाड़ियों का नम्बर जांच रहा था। तात्कालीन समय प्रदेश में चुनाव भी चल रहा था। लेकिन पुलिस के दोनों जवानों ने चुनाव को गंभीरता से नहीं लेते हुए शराब के नशे में पूनाराम को जमकर पीटा। तात्कालीन समय मामले को लेकर मुंगेली में कानून व्यवस्था बनाने प्रशासन को काफी पसीना बहाना पड़ा था।

                        आईजी पवन देव ने जांच के बाद आदेश की कापी को जगदलपुर रेंज आई जी ,बिलासपुर पुलिस कप्तान,पुलिस अधीक्षक मुंगेली को पत्र जारी कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। पत्र में आशीष वासनिक को सेवा समाप्त करने की बात कही गयी है। बिलासपुर में पदस्थ सौखीलाल ध्रुव और पथरिया में तैनात पूनीतराम राठिया को दो साल के लिए पदावनत करने को कहा है।

 

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