प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग की नकेल…अापराधिक गतिविधियों की देनी होगी जानकारी…भरना होगा C-1,C-2 फार्म

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर – कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी पी.दयानन्द ने आज मंथन सभागार में प्रेसवार्ता कर बताया कि विधानसभा निर्वाचन में प्रत्याशियों को अपराधिक मामलों की जानकारी देना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फार्म 26 के भाग ए के क्रमांक 5 में पेंडिंग क्रिमिनल केस की पूरी जानकारी दिया जाना जरूरी है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा।
                जिला निर्वाचन अधिकारी पी.दयानन्द ने मंथन सभागार में आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि चुनाव लड़ने वाले सभी विधानसभा प्रत्याशियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार फार्म 26 के भाग ए क्रमांक 5 में पेंडिंग क्रिमिनल केस की पूरी जानकारी दिया जाना जरूरी है। साथ ही यदि प्रत्याशी सजायाफ्ता हैं तो भी मामले की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
      पी.दयानन्द ने बताया कि भाग ए की जानकारी देने वाले प्रत्याशियों को नामांकन वापसी के दिन से मतदान तिथि के दो दिन पहले तक अखबारों में भी  आशय की सूचना प्रकाशित करानी होगी। जिसका फोन्ट साईज 12 रहेगा। इसके अलावा भाग ए की जानकारी देने वाले प्रत्याशियों को टीवी चैनलों में भी कम से कम तीन बार जानकारी देनी होगी।
                    जिला निर्वाचन अधिकारी ने सवाल के जवाब में बताया कि मामले में सी-1 फार्म में प्रत्याशी को स्थानीय अखबारों में जानकारी देनी होगी। सी-2 फार्म में राजनैतिक पार्टी को अपने प्रत्याशी के बारे में राज्य स्तरीय अखबारों में जानकारी देनी होगी। जबकि सी-3 फार्म के माध्यम से प्रत्याशियों को रिमांइडर दिया जायेगा।
                पी.दयानन्द ने यह भी बताया कि फार्म-6 ए में, नामांकन करने वाले संभावित प्रत्याशी रिटर्निंग आॅफिसर को घोषणा पत्र भरकर देंगे कि उन्होंने दर्ज अपराधों की जानकारी अपनी पार्टी को दी है। इसके अलावा संभावित प्रत्याशी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को कम से कम 30 दिन के अंदर जानकारी प्रेषित करना होगा।
                   जिला निर्वाचन अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि फार्म सी-2 के अनुसार पार्टी के जिम्मेदार अधिकारी प्रत्याशी के आपराधिक विवरणों की जानकारी देंगे। अथवा पार्टी जिसे जिम्मेदारी सौंपती है वह अखबार और टीवी पर बयान दे सकेंगे। एक अन्य मामले में कलेक्टर ने बताया कि सोशल और वेव मीडिया पर भी चुनाव आयोग की नजर रहेगी।
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