रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज सवेरे यहां माना स्थित नगर सेना के केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित जेल प्रहरियों की प्रथम दीक्षांत परेड में शामिल हुए। उन्होंने परेड का निरीक्षण कर परेड की सलामी ली। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे वे समाज में नये सिरे से जीवन प्रारंभ कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश की जेलें आदर्श सुधार गृह के रूप में विकसित हों। उन्होंने कहा कि जेलों की वर्तमान क्षमता और अधोसंरचना विस्तार के काम के साथ नयी जेल भी बनायी जा रही हैं। बेमेतरा में आने वाले समय में पांच सौ की क्षमता वाली खुली जेल प्रारंभ की जाएगी।
समारोह की अध्यक्षता गृह एवं जेल मंत्री रामसेवक पैकरा ने की। संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन.उपाध्याय, महानिदेशक (जेल) गिरधारी नायक और प्रमुख सचिव गृह बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम सहित वरिष्ठ अधिकारी समारोह में उपस्थित थे। इस अवसर पर उप महानिरीक्षक जेल के.के.गुप्ता ने दीक्षांत परेड में शामिल जेल प्रहरियों को शपथ दिलायी। मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जेल दुनिया की सबसे पुरानी व्यवस्थाओं में से एक है, जिसका स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता जा रहा है।
महानिदेशक (जेल) गिरधारी नायक ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जेलों में सुविधाएं विकसित करने के लिए काफी संसाधन उपलब्ध कराएं गए हैं। कई जेलों में विस्तार कार्य चल रहे हैं। जल्द ही प्रदेश की जेलों की क्षमता बढ़कर 14 हजार हो जाएगी। जेलों में आठ हजार 800 कैदियों को साक्षर बनाया गया है।