प्रमुख सचिव ने दिये स्किल डेव्लपमेंट के टिप्स

Shri Mi
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pilleबिलासपुर।प्रमुख सचिव कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में शुक्रवार को कौशल विकास हेतु संभागस्तरीय कार्यशाला हुई।जिसमें वन और कृषि के क्षेत्र में कौशल उन्नयन पर विशेष जोर देते हुए प्रमुख सचिव ने ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षार्थियों को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने कहा।मंथन सभा कक्ष में आयोजित उक्त कार्यशाला में सीसीएफ वन विभाग आनंद बाबू, कलेक्टर बिलासपुर अन्बलगन पी., कलेक्टर रायगढ़ अल्मेरमंगईडी, कलेक्टर कोरबा पी. दयानंद, जांजगीर कलेक्टर एस भारतीदासन, कलेक्टर मुंगेली किरण कौशल विशेष रूप से उपस्थित थे।

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                                      इस कार्यशाला में जानकारी दी गई की बिलासपुर संभाग में वर्ष 2016-17 में 24,445 लोगों को विभिन्न क्षेत्रांे में कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया। इसके अनुरूप 11542, लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा 5757 लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। इस तरह लक्ष्य के अनुरूप 71 प्रतिशत कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। वन सेक्टर में संभाग में 2350 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाना है। जिसके अनुरूप 939 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। जो लक्ष्य का 40 प्रतिशत है। इसी तरह कृषि एवं उससे संबंधित सेक्टर में 4355 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाना है। जिसके विरूद्ध 1497 अर्थात् 33 प्रतिशत युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

                                  प्रमुख सचिव ने लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पर असंतोष जताया और इसके लिए कड़ी मेहनत करने की हिदायत संबंधित विभागों के अधिकारियों को दी। सीसीएफ श्री आनंद बाबू ने वन विभाग द्वारा कौशल उन्नयन् के लिए किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। संभाग वन के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए 8 कोर्सेस चिन्हाकिंत किये गये है। बिलासपुर जिले में वर्मीकल्चर, वर्मीकम्पोजिंग, मशरूम पालन, काष्ठ कला और बांस कला को कौशल उन्नयन के लिए चिन्हाकिंत किया गया हैं।

                                इसके अलावा जांजगीर जिले में बायोफर्टिलाईजर्स उत्पादन हेतु प्रशिक्षण ,कोरबा जिले में लाख उत्पादन , मधुमक्खी पालन, रायगढ़ जिले में मेडिकल औषधि पौधों का उत्पादन, मुंगेली जिले में मधुमक्खी पालन आदि के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

                                 प्रमुख सचिव पिल्ले ने प्लानटेशन की सुरक्षा के लिए सुरक्षागार्ड , बढ़ई, बैम्बू प्रोंसेसिंग,चिरौंजी प्रोंसेसिंग, नर्सरी , अचानक मार्ग क्षेत्र में टूर गाईड के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाये जिससे साल भर रोजगार मिलें। वीटीपी रजिस्टर करने के लिए कोई समस्या हो तो इसके बारे में जानकारी दें। साथ ही वीटीपी के भुगतान की जानकारी ली। कृषि , पशुपालन , उद्यानिकी और मछलीपालन के लिए कौशल प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने का निर्देश दिए।

                                    पिल्ले ने उद्यानिकी, नर्सरी आदि का प्रशिक्षण इन जनजातियों को उनके निवास स्थल पर जाकर देने तथा इनकी कांउसलिंग करने का निर्देश दिया। श्रीमती पिल्ले ने कहा कि जो भी प्रशिक्षण दिये जाये वे गुणवत्तापूर्ण हो। सभी प्रशिक्षण केन्द्रों में बायोमैट्रिक अटेंडेस सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य है। इस सबंध में संभाग के सभी जिलो की स्थिति के बारे में उन्होंने पूछा। वन और कृषि के क्षेत्र मंे प्रशिक्षण के नये कोर्सेस के संबंध में एक माह के भीतर अपना सुझाव देने कहा। कार्यशाला में सभी जिले के कलेक्टरों ने अपने अपने जिलों में कौशल उन्नयन के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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