रायपुर। मुख्यमंत्री की रेडियो वार्ता राज्य में स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों से एक साथ प्रसारित की गई। विभिन्न प्राईवेट टेलीविजन चैनलों से भी इसका प्रसारण हुआ। अपनी मासिक रेडियो वार्ता में सीएम ने कहा कि हमने नक्सल हिंसा पीड़ित इलाकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए ’प्रयास आवासीय विद्यालय’ खोले हैं, जिनका लाभ हर साल उन्हें मिल रहा है। हाल ही में जे.ई.ई. का रिजल्ट आया। प्रयास विद्यालय के 27 बच्चे इसमें सफल हुए, जो अब देश के बड़े प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग शिक्षा संस्थानों में पढ़ेंगे। रिजल्ट देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं इतना भावुक हो गया, जैसे मैं खुद पास हो गया हूं। मुख्यमंत्री ने कहा-ये बच्चे गांव में, गरीबी में और कठिन परिस्थितियों में सपने देखने वाले बच्चों के लिए नये ’आईकॉन’ है।
मुख्यमंत्री ने जनता को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार फर्जी बैंकिंग और फर्जी चिटफंड कम्पनियों से निपटने के लिए सतर्क है। इसके लिए राज्य सरकार ने कानून भी बनाया है, जिसके तहत उन वित्तीय संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान है, जो आम नागरिकों को ठग कर उनका पैसा हड़प लेते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया-इस कानून के तहत कलेक्टर को सूचना दिए बिना कोई भी कम्पनी अपना वित्तीय कारोबार नहीं कर सकती।
मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए बारिश के इस मौसम के मंगलमय होने की कामना की। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे कृषि विभाग और कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर सही समय पर बोनी करें और खाद तथा बीज भी सही अनुपात में डालें। मुख्यमंत्री ने किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने बताया-इस योजना के बारे में जानने और खरीफ 2016 के लिए उसमें भागीदारी करने का यह सही समय है। किसान यह ध्यान रखें कि इस योजना में शामिल होने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है।
मुख्यमंत्री ने किसानों को बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बैंक तथा सोसायटी से ऋण लेने वाले किसान और ऋण नहीं लेने वाले किसान तथा बटाईदार-किसान भी शामिल हो सकते हैं। यह योजना सिंचित और असिंचित धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग और उड़द की फसल के लिए है। खरीफ फसल के लिए इस योजना में किसानों को सिर्फ दो प्रतिशत का प्रीमियम देना होगा। उससे ज्यादा जो भी प्रीमियम होगा, उसकी राशि राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने उदाहरण के रूप में बताया-राजनांदगांव जिले में सिंचित खेती का मूल्यांकन अगर 33 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर है, तो उसका दो प्रतिशत यानी सिर्फ 660 रूपए का प्रीमियम तय होगा। नुकसान की भरपाई सिंचित-असिंचित फसल के अनुसार 70 से 90 प्रतिशत तक की जाएगी और मुआवजा भी निर्धारित समय पर मिलेगा।