प्रेरणा का पुंज है , शिक्षक

Chief Editor
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sikshak

बिलासपुर। शिक्षक प्रेरणा का वो पुंज है जो विद्यार्थी को मूल्य आधारित शिक्षा के जरिये जीवन में सफलता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचाने का मार्ग बताता है। ये बातें  सरगुजा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील वर्मा ने गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह के दौरान कहीं ।

             
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विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में शुक्रवार को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित हुए समारोह में  प्रोफेसर वर्मा ने विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव के लिए शिक्षा और शिक्षक दोनों को अहम अंग बताया। उन्होंने शिक्षा नीति की आलोचना करने पर एतराज जताते हुए कहा कि इसी नीति से राष्ट्र को विभिन्न क्षेत्रों के जानकार मिले हैं ऐसे में विकास का पहिया मात्र आलोचना से नहीं चल सकता।

समारोह की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने “समकालीन भारतीय समाज और हमारी शिक्षा नीति” विषय पर विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता में शामिल एवं विजेता प्रतिभागियों की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छात्रों एवं विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए शिक्षकों से अपने कर्तव्यों के निर्वाहन की अपील की । साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों के समय को बहुमूल्य बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को परिवार से नैतिक मूल्य, शिक्षकों से प्रेरणा और स्वयं के आत्मबल से सफलता की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही छात्र-छात्राओँ के साथ सीधे संवाद करने पर विचार कर रही हैं।

इससे पूर्व भाषण प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों ने  मुख्य अतिथि, अध्यक्ष  एवं सभागार में मौजूद शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच “समकालीन भारतीय समाज और हमारी शिक्षा नीति” विषय पर अपने विचार रखे। भाषण प्रतियोगिता में तृतीय स्थान पर रहे छात्र  राहुल नागवाल, एमएससी प्रथम सेमेस्टर, भौतिकी विभाग ने शिक्षा के तीन पायदानों यथा प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा को मजबूती प्रदान करने पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षा अनिवार्य अंग जरूर बन गया है लेकिन शिक्षा अब भी कई वर्गों से अछूती है। द्वितीय स्थान पर रहीं छात्रा सुश्री सरिता सिंह, एमएड प्रथम सेमेस्टर, शिक्षा विभाग ने वर्तमान शिक्षा पद्धति में व्यावसायिक शिक्षा के नये आयाम को जोड़ने पर बल देते हुए विद्यालयों से छात्रों के दूर होने पर भी गंभीर सवाल खड़े किये।

भाषण प्रतियोगिता के विजेता इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बीटेक 7वें सेमेस्टर के छात्र योगेश जिनगर ने पूरे देश के लिए व्यापक शिक्षा नीति बनाये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश में केंद्रीय शिक्षा प्रणाली, राष्ट्रीय बजट में शिक्षा एवं संसाधनों को बढ़ाने एवं क्रियात्मक शिक्षा को मूल शिक्षा का अंग बनाने को अहम बताया।  कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बीडी मिश्रा ने किया। समारोह में विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्षगण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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