बिलासपुर। खुलकर खिलखिलाने और धीगामस्ती का त्योहार होली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रदेश में अपनी खास पहचान बना चुकी पत्रकारों की होली में शहर ने जोगीरा स र.र रा के साथ अपनी भावनाओं को जाहिर किया। वर्तमान व्यवस्था पर तंज कसा, उलटबासियों को शिकार बनाया। प्रेस क्लब में आयोजित फाग कार्यक्रम मेें पत्रकारों ने जमकर धमाल मचाया। आने जाने वालों ने भी साथ दिया। कलम और स्याही से दूर मृदंग और झांझ के बीच पत्रकारों ने जमकर ठुमके लगाए। महापौर किशोर राय भी सतरंगी कार्यक्रम के बीच अपने आपको शामिल होने से नहीं रोक पाए।
साधू,सन्यासियों के मठ में व्यवस्था पर तंज कसने की परंपरा काफी पुरानी है। होली आक्रोश को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने का माध्यम भी है। आज के दिन लोग कहे गए बातों को बुरा भी नहीं मानते है। यही वजह है कि जोगीरे की तान में सामाजिक विडम्बनाओं और विद्रूपताओं का तंज़ दिखता है। होलियारे होली की मस्ती के साथ समाजिक घटनाओं पर चोट करता हुआ नज़र आता है।
जोगीरे की उत्पत्ति जोगियों की हठ-साधना, वैराग्य और उलटबाँसियों का मज़ाक उड़ाने के लिए हुई है। जोगी रा मूलतः समूह गान है. प्रश्नोत्तर शैली में एक समूह सवाल पूछता है तो दूसरा उसका जवाब देता है जो प्रायः चौंकाऊ होता है।. प्रश्न और उत्तर शैली में निरगुन को समझाने के लिए गूढ़ अर्थयुक्त उलटबाँसियों का सहारा लेने वाले काव्य की प्रतिक्रिया में इन्हें रोजमर्रा की घटनाओं से जोड़कर रचा गया है।प्रेस क्लब बिलासपुर में होलियारों ने जमकर उलबांसियों का सहारा लिया प्रश्नोत्तर शैली में लोगों ने एक दूसरे को जवाब दिया। महापौर और उनकी व्यवस्था को निशाना बनाया गया। महापौर ने भी अपने ऊपर किए गए कटाक्ष को सिर माथे पर लगाया। रंग गुलाल के बीच उन्होने पत्रकारों की होली को श्रेष्ठ बताया।
प्रेस क्लब में आयोजित रंगोत्सव में राजा और रंक एक साथ नजर आए। क्या वरिष्ठ और क्या गरिष्ठ सभी ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर स्वागत किया। तनाव के वातावरण को पास फटकने नहीं दिया। नंगाड़े की थाप पर घंटों अपने आप को थिरकते पाए।एतिहासिक स्वरूप ले चुके प्रेस क्लब की होली में अध्यक्ष शशिकांत कोन्हेर,सीजी वाल संपादक रूद्र अवस्थी,दैनिक छत्तीसगढ़ बिलासपुर के व्यूरो चीफ राजेश अग्रवाल,संजय दीक्षित,कमलेश शर्मा,एम,मल्लिक,राजू शर्मा,रेलवे पीआरओ संतोष कुमार,नीरजधर दीवान,सुरेश पाण्डेय,सत्यप्रकाश पाण्डेय, महेश तिवारी,किशोर श्रीवास्तव,किशोर सिंह,मुकेश मिश्रा,श्वण तंबोली,आलोक अग्रवाल,गिरीश मिश्रा,विनय तिवारी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ भाजपा नेता भी उपस्थित थे।
करीब चार घंटे से अधिक समय तक मृंदग,मांदर,हारमोनियम,झांस,खंजनी और की बोर्ड के लय पर पत्रकारों ने रंग पर्व को रंगीन बना दिया। सभी पत्रकार खबर, आलोचना,डांट फटाकर से दूर प्रकृति के रंग के बीच अपने ही रंग में रंगे नजर आया। फाग प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली टीम ने महापौर के साथ ही मेजमान पत्रकारों को भी निशाना बनाया। कभी व्यवस्था के नाम पर तो कभी भ्रष्टाचार के बहाने।
फाग झमाझम में पहले स्थान पर कब्जा करने वाली चांटापारा फाग मण्डली ने सुआ,चंदैनी,पाण्डवानी,लोरिक चंदा के बहाने कबीर,तुलसी,मीरा के शब्दों को होली के रंग में डुबाकर पेश किया। लोगों ने रंग गुलाल के साथ सभी पंक्तियों का जमकर आनंद उठाया। इस दौरान जो भी व्यक्ति इसमें डूबा उसने कुछ ना कुछ जरूर पाया। जो नहीं डूबा वह ठगा गया।