बिलासपुर—जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करने का मामला सामने आया है। विकास गुरूदीवान के बाद मामला सरकंडा शाखा प्रबंधक संदीप जायसवाल का सामने आया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा सरकंडा प्रबंधक की डिग्री फर्जी है। साल भर पहले जांच टीम ने मामले में रिपोर्ट देकर राज्य शासन को अवगत कराया था। बावजूद इसके बैंक प्रबंधन ने संदीप जायसवाल के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया है।जिला सहकारी बैंक सरकण्डा शाखा प्रबंधक संदीप जायसवाल की डिग्री फर्जी है। मालूम हो कि कुछ साल पहले जिला सहकारी बैंक में भारी संख्या में भर्तियां हुई। विभिन्न पदों के लिए अलग अलग शर्तों के साथ विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञापन शर्तों के अनुसार प्रतियोगी को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में स्नातक और पीडीडीसीए डिप्लोमा होना अनिवार्य बताया गया।
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करीब डेढ़ साल पहले जिला सहकारी बैंक में भर्ती घोटाला और वित्तीय अनियमितता के खिलाफ राज्य शासन ने जांच का आदेश दिया। जांंच पड़ताल के दौरान करीब 50 लोगों की डीग्रियां फर्जी पायी गयी। इनमें से एक डिग्री संदीप जायसवाल की भी है। संदीप जायसवाल को भारतीय शिक्षा परिषद की डिग्री और डिप्लोमा पर तात्कालीन बैंक प्रबंधन ने नौकरी पर रखा। यह जानते हुए भी कि भारतीय शिक्षा परिषद को भारत सरकार और यूजीसी से मान्यता नहीं है। यूजीसी और भारत सरकार की वेवसाइट में भी भारतीय शिक्षा परिषद को गैर मान्यता प्राप्त संस्थान की सूची में रखा गया है।
बावजूद इसके तात्कालीन जिला सहकारी बैंक प्रबंधन ने संदीप जायसवाल को नौकरी पर रखा। रिपोर्ट आने के बाद भी बैंक प्रबंधन ने संदीप जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई करना मुनासिब नही समझा। जबकि जांच टीम ने संदीप जायसवाल समेत सभी पचास लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने निर्देश दिया था। बावजूद इसके न तो संदीप जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ। न ही अन्य लोगों पर किसी प्रकार कार्रवाई हुई।
जनता कांग्रेस जे प्रदेशप्रवक्ता मनीशंकर पांण्डेय ने बैंक सीईओ अभिषेक तिवारी से फर्जी डिग्रीधारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर हाईकोर्ट के शरण में जाने का निश्चय किया है।