फसल बीमा का पूरा लाभ क्यों नहीं मिल रहा छत्तीसगढ़ के किसानों को..?योजना में सुधार के लिए CM भूपेश बघेल ने केन्द्रीय मंत्री को लिखी चिट्ठी

Chief Editor
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bhupesh baghel,congress,amit jogi,mayawati,chhattisgarh,vidhansabha election,news,cgwallरायपुर।केंद्र सरकार ने  2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है ।  लेकिन धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में सभी किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है  । आंकड़े बताते हैं कि पिछले 3 वर्षों में छत्तीसगढ़ के जितने किसानों ने अपने फसल का बीमा कराया उनमें से एक तिहाई से भी कम किसानों को बीमा का दावा प्राप्त हुआ है  । योजना की खामियों की वजह से यह स्थिति आ रही है और किसानों में बीमा योजना लोकप्रिय नहीं हो पा रही है ।  इन मुद्दों को सामने लाते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह को एक पत्र भेजकर योजना में सम्मिलित करने के लिए कुछ सुझाव भेजे हैं  ।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे 
भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2016 से किया जा रहा है  । योजना शुरू होने के बाद से अब तक 6 मौसमों में से चार मौसम में छत्तीसगढ़ विषम मौसमी परिस्थितियों से प्रभावित रहा है  । लेकिन 2016 से 2018 तक प्रदेश के कुल 45.37 लाख बीमित किसानों में से मात्र 13.4  लाख  किसानों को ही बीमा दावा प्राप्त हुआ है  ।
उन्होंने लिखा है कि बीमा कराने वाले किसानों की तुलना में लाभान्वित किसानों की संख्या कम होने के कारण यह योजना किसानों के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाई है  ।  उन्होंने योजना  को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वर्तमान प्रावधानों में संशोधन का सुझाव दिया है.बघेल ने सुझाया है कि अधिक से अधिक किसानों को दावा भुगतान के दायरे में लाने के लिए क्षतिपूर्ति स्तर को 70, 80,  90 प्रतिशत से बढ़ाकर क्रमशः85 ,90  और 95% किया जाए ।  विगत वर्षों में 1  रुपए से भी कम दावा राशि प्राप्त होने के कारण बीमित कृषकों के मध्य आक्रोश उत्पन्न हुआ है ।अतः क्षतिपूर्ति के लिए पात्र पाए जाने पर संबंधित किसान को सम्मानजनक एक निर्धारित न्यूनतम क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करने का प्रावधान किया जाए । 
उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार की अन्य केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की तरह केंद्र एवं राज्य अंश का राशि का अनुपात 50 अनुपात 50 से बढ़ाकर 60 अनुपात 40 में किया जाए ।  मौसमी आंकड़ों की सटीकता एवं क्षति के सही आकलन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर भारत सरकार द्वारा ऑटोमेटिक मौसम केंद्र वर्षा मापी स्थापित किया जाए ।  उन्होंने सुझाव दिया है कि योजना में प्रीमियम तथा दावा का अनुपात एक अनुपात 3.5 से अधिक होने पर दावा देयता  बीमा कंपनी को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है  । किंतु बीमा कंपनी को होने वाले शुद्ध लाभ की कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं है ।  बीमा कंपनी के लाभ की अधिकतम सीमा भी निर्धारित किया जाना चाहिए  । उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इन सुझावों पर विचार करते हुए योजना में शामिल करने का अनुरोध किया है।
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