सुरजपुर-बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफी है, हर शाख पे उल्लू बैठे हैं, अंजाम ए गुलिस्ताँ क्या होगा रियासत हुसैन रिज़वी “शौक़ बहराइची” का लिखा शेर कोरोना काल मे भीड़ भाड़ वाले इलाकों में बिना मास्क लागये घूमने और कार्य क्षेत्र में कोविड 19 के प्रोटोकॉल का पालन नही करने वालो पर करारा तंज करता है। शासन प्रशासन की समझाईश का असर होता नही .. कड़ाई तो बर्बर हो जाती है। छोटे से जिले में रोजना 40 से 50 कोरोना के मरीज मिलने पर मजबूरन लॉक डॉउन का निर्णय लिया जाना किसी भी सूबे के शासन प्रशासन के लिए कठिन निर्णय है ..! मंगलवार की रात 9 बजे से सुरजपुर जिले में लॉक डॉउन प्रभावी हो जायेगा।सूरजपुर जिला अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है । इस दौरान सूरजपुर जिले की सम्पूर्ण सीमाएं पूर्णतः सील रहेंगी..!
बढते कोरोना को देखते हुए पडोसी जिले से लय ताल मिलाते हुए जिला कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए शासन से मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए 22 सितंबर की रात्रि 9 बजे से 1 अक्टूबर की रात्रि 9 बजे तक लॉक डाउन की घोषणा कर सूरजपुर के चिंतकों की चिंता और मौके की नजाकत को ध्यान में रखते हुए जिले में यह प्रभावी कदम उठाया है। जिले के आला अधिकारियों की माने तो सुरजपुर जिले में इस बार लॉक डॉउन सख्त रहेगा। लॉक डॉउन को छेद करने वाले आधा शटर खोल कर दुकानदारी करने वाले व्यापारिक संस्थानो पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधि अनुसार कड़ी कार्यवाही किये जाने की बात कही है।
जिले का यह लॉक डॉउन जिला प्रशासन और जिला पुलिस के तालमेल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा । थाने से लेकर चौकी तक जबरदस्त चौकसी की बरतने के संकेत दिये है। जिले की सीमाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। तहसील व ब्लाक तक के अधिकारियों से लेकर खाद्य विभाग तक एक्टिव मोड़ में रहने की समंभावना है। जिला कलेक्टर द्वारा हालिया मुख्यालयों में नही रहने वाले कुछ कर्मचारियों पर चार दिन की तबादले की की गई कार्यवाही बाद में यथास्थिति बहल कर यह संकेत दिया गया है कि कर्मचारी शासन के निर्देशों का पालन करे जिला मुख्यालय में रहे। लॉक डॉउन में जिले में सेवा कार्य लिया जा सकता है।
जिला पंचायत सभा कक्ष में जिले के आला अधिकारी ईशारो में कहते है कि कोविड 19 से बचने के लिए जनता को खुद से नियमो का पालन करना सीखना होगा। डंडे और महामारी के कानून के दबाव में इसे लागू नही कराया जा सकता है। हर मोर्चे पर जिला और पुलिस प्रशासन जागरूकता कार्यक्रम कर चुका है और यह जारी रहेगा । कोविड मामलों में जिले की स्वस्थ्य सुविधाओं को बेहतर से बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिले पर नज़र डालें सूरजपुर जिले की छह तहसील मुख्यालयो सूरजपुर, ओडगी, भैयाथान, प्रतापपुर, प्रेमनगर और रामानुजनगर में लॉक डाऊन के पूर्व बाजार, बैंक शासकीय कार्यलयों में लोगो की भीड़ भाड़ का माहैल बने रहने की सूचनाएं प्राप्त हो हुई है । अधिकांश लोगो में जिला प्रशासन की जागरूकता का असर नही हो रहा है। दो गज की दूरी औऱ मास्क से बहुतों को एलर्जी है। व्यापारिक संस्थाओं ,सार्वजनिक कार्यलयों , बैंक ATM से हैंडसेनेटाइजर का उपयोग नही के बराबर हो रहा है। सब्जी बाजार और किराना व्यापार से जुड़े कुछ लोगो ने अनलॉक डॉउन के दौरान कोविड 19 के दिशा निर्देशों की ऐसी धज्जियां उड़ाई की जिला प्रशासन को इस दो महत्वपूर्ण सेवाओ को भी बंद करना पड़ा है.यह लॉक डॉउन इन्ही चंद लोगो की वजह से निर्मित होता नजर आ रहा है। क्योकि जिले में रोजना कोविड 19 मामलों की संख्या रोजाना 40 पार तक पहुँच रही है। जिले को विकास की दौड़ लाने और कोविड 19 कोरोना की चेन तोड़ने के लिए यह कठिन निर्णय लिया गया है।
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