♦लोकतन्त्र और संविधान के दायरे में हो बातचीत
♦राज्य सरकार ने बनाई कई आकर्षक पुनर्वास नीति
रायपुर।छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने रविवार को कहा कि परस्पर संवाद ही लोकतन्त्र का आधार है। गृहमंत्री ने कहा कि नक्सल समस्या के निबटारे के लिए राज्य सरकार माओवादियों सहित किसी भी पक्ष से बातचीत के लिए खुले दिल से हमेशा तैयार है। बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं पर यह बातचीत लोकतन्त्र और संविधान के दायरे में होनी चाहिए। पैकरा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कई बार कह चुके हैं कि अगर नक्सली हिंसा और हथियार छोड़ कर सरकार से वार्ता के लिए आगे आना चाहते हैं, तो हम उनसे जरूर बातचीत करेंगे।
पैकरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर शान्तिपूर्ण जीवन जीने और विकास की मुख्य धारा से जुडने वाले नक्सलियों को हम गले लगाने को भी तैयार रहेंगे। गृहमंत्री ने कहा कि आत्म समर्पण कर शांतिपूर्ण जीवन यापन करने के इच्छुक नक्सलियों के लिए राज्य सरकार ने आकर्षक पुनर्वास नीति भी बनाई है। इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ मिल रहा है। पैकरा ने कहा कि नक्सल समस्या के शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए सरकार की नीति और नीयत बिलकुल साफ है।