बच्ची की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार…कांग्रेस नेता शैलेश ने कहा…कैसा विकास जो घर में मातम परोस गया

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर-करगी रोड–रानीसागर पंचायत के अंतर्गत मौहारखार प्राथमिक शाला में पांचवी क्लास की 10 वर्षीय छात्रा तुलसी यादव पिता मनोज यादव की सांप काटने से मौत हो गयी। घटना स्कूल में ही हुई। घटना के समय शिक्षिक बच्चों को पढ़ा रही थी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन बच्चों और स्कूलों के प्रति कितना गंभीर है। यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय ने कही।
                     प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय ने डॉक्टर के सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पाण्डेय ने बताया कि स्कूल में पढ़ाते समय सांप डसने बच्ची की मौत हो जाती है। जब स्कूलों में बच्चे सुरक्षित नहीं हो तो ऐसी व्यवस्था पर शर्म आती है।
        शैलेश पाण्डेय ने बताया कि मौहारखार करगी में स्कूल के बच्चों को खुले में पढ़ाया जा रहा था। इसी बीच 10 साल की बच्ची तुलसी यादव को सांप ने डस लिया। वह बार-बार पैरों को झटकारती रही। लेकिन समझ में नहीं आया कि उसके साथ क्या हो रहा है। बच्ची जब बेहोश होने लगी तो शिक्षिका ने उसे घर पहुंवाया। बच्ची के पिता को जानकारी दी गई। करीब एक बजे के बाद बच्ची को कोटा हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इलाज के बाद बच्ची को घर भेजा गया। घर पहुंचते ही बच्ची के मुंह से झाग निकलने लगा। तत्काल दुबारा कोटा हॉस्पिटल लाया गया। इसके बाद बच्ची को बिलासपुर रिफर किया गया। लेकिन बच्ची ने  बिलासपुर पहुंचने के पहले ही दम तोड़ दी।
              शैलेश पाण्डेय ने कहा कि प्राथमिक शाला मोहारखार की जर्जर स्थिति को देखकर अंदाजा लग जाता है,कि प्रदेश की स्कूली व्यवस्था किस स्थिति में है। मौहराखार स्कूल बिना प्रधान पाठक के दो महिला शिक्षकों के सहारे चलता है। स्कूलों की जर्जर स्थिति के अलावा अतिरिक्त कमरे बनाए गए हैं। लेकिन उसकी भी हालत ठीक नहीं है। कमरो में बच्चे  बैठ कर पढ़ नहीं सकते। बरसात के दिनों में पानी का एक एक बूंद कमरे में आता है। शायद यही कारण है कि शिक्षिका ने बच्चों को लेकर बाहर क्लास लगायी।
                      बच्चों के पालको ने बताया कि स्कूल की हालत जर्जर होने के कारण पहले भी बच्चों को बाहर पढ़ाया जाता रहा है। एक दिन पहले भी बच्चों की क्लास हमेशा की तरह बरसात में बाहर लगी। बिल से सांप निकला और 10 साल की छात्रा को डस लिया। शिक्षा विभाग के अधिकारी अब लाख दावा करें कि स्कूलों की हालत ठीक है। लेकिन मौहारखार की घटना ने दावों की पोल खोल दी है। जर्जर स्कूल और शिक्षकों का टोंटा सब कुछ अब सामने आ चुका है। जाहिर सी बात है कि घटना के बाद अब विरला ही अभिभावक होगा जो अपनी बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना पसंद करेगा। जहां जान माल की सुरक्षा ना हो वहां पर कोई भी पालक अपने बच्चों को पढ़ाएगा भी क्यों।
              शैलेश पाण्डेय ने बताया कि पालकों ने शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों की माने तो शिक्षिका बच्चों से मारपीट करती हैं। बच्चों को पढ़ाने के बजाय बाहर निकल कर मोबाइल में बात करती रहती हैं। शिकायत करने पर बच्चों को डांटती है। रानीसागर पंचायत सरपंच मुन्नीबाई की भूमिका भी संदिग्ध है। स्कूल बाउंड्री वॉल पर लाखों रुपए खर्च किया गया। लेकिन स्कूल की हालत पर कभी ध्यान नहीं दिया।
अंदर की जगहों को स्कूल के कमरों को, स्कूल के किचन के लिए पंचायत के सरपंच को कोई सरोकार नहीं आज जो घटना घटी है, जो लापरवाही बरती गई है ,जिसकी वजह से एक 10 साल की मासूम छात्रा की मौत हो गई। पूरे घटनाक्रम में शिक्षा विभाग के अलावा रानीसागर पंचायत सरपंच भी दोषी है। लाखों रुपए की बंदरबांट कर भ्रष्टाचार किया गया। सरपंच मुन्नी बाई को तो शिक्षकों के नाम ही मालूम नहीं है।
                        प्रदेश कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय ने कहा प्रदेश सरकार केवल विकास के नाम पर ढोल पीट रही है। लेकिन विकास की दावे की पोल खुल गयी है। कोटा विधान सभा मे कभी भी सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिसे लोग याद रख सकें। स्कूल की दयनीय स्थिति, जर्जर भवन में पढ़ने वाले बच्चे सुरक्षित नही है। समझने वाली बात है कि यहां पढ़ाई कैसी होती होगी। अपने आप में यह बहुत बडा सवाल है। कुल मिलाकर सरकार की घोर लापरवाही को मौत के मुंह में जाने को मजबूर किया है।
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