बिलासपुर— छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने बजट को निराशाजनक बताया है। कर्चमारी नेताओं ने बताया कि डॉ.रमन सिंह के बजट से निराशा के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है। इससे जाहिर होता है कि सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर किसी भी दृष्टिकोण से संवेदनशील नहीं है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने बताया कि उम्मीद थी कि रमन का बजट कर्मचारियों के लिए सौगात साबित होगा। लेकिन बजट सुनने और देखने के बाद कर्मचारियों को केवल निराशा ही हाथ लगी है। इससे जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों के हितों को लेकर संवेदनशील नहीं हैं। रोहित ने बताया कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि बजट में चारस्तरीय वेतनमान दिया जा सकता है। लेकिन हुआ ऐसा कुछ नहीं। बजट खोदा पहाड़ निकली चुहिया की कहावत को साबित करता है।
रोहित के अनुसार बजट देखने और सुनने के बाद प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारी ठगा हुआ महसूस कर रहा है। महंगाई बेतहासा बढ़ी है। मुद्रा स्फिति रोज नया कारनामा वाला ग्राफ दिखा रहा है। बावजूद इसके बजट में सातवें वेतनमान को लेकर भी कोई बात नहीं कही गयी है।
प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने बताया कि सातवें वेतनमान से चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान है। सातवें वेतनमान से पहले यदि लागू हो जाता तो कर्मचारियों को सीधा फायदा होता। रोहित के अनुसार सातवें वेतनमान आज नहीं तो कल मिलेगा। इसके लिए कर्मचारियों को एक होकर सरकार पर दबाव बवाने की जरूरत है। लेकिन इसके पहले चारस्तरीय वेतनमान का लागू होना जरूरी था। कुल मिलाकर डॉ.साहब ने बजट में कर्मचारियों के साथ छल किया है।