छत्तीसगढ़ बजटः बिलासपुर मेंटल हॉस्पिटल में बनेंगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी

Chief Editor
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BUDGET_2017रायपुर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने वर्ष 2017-18 के लिए सरकार का बजट विधानसभा में पेश किया।जिसमें प्रदेश के किसानों के लिए कई सुविधाओँ की घोषणा की गई है। बजट में बिलासपुर मेंटल हास्पिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी की स्थापना,बिलासपुर  में पॉलिटेक्निक की स्थापना  और वृहद् सिंचाई परियोजना के लिे 275 करोड़ रुपए का प्रवधान  किया गया है।डा. रमन सिंह ने एक शेर के साथ अपना बजट भाषण शुरू किया।

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जमीर जिंदा रख, कबीर जिंदा रख…
सुल्तान भी बन जाए तो , दिल में फकीर जिंदा रख…

               मुख्यमंत्री ड़ा. रमन सिंह ने कहा कि इक्कीसवीं सदी के उदय के साथ ही छत्तीसगढ़वासियों ने एक सपना देखा था। वह सपना था अपनी छत्तीसगढ़ी अस्मिता की पुनर्स्थापना का, वह जुनून था अपनी पहचान को नये सिरे से पूरे देश को बताने का। हम सबके मन में उत्साह था, और हमें पूरी उम्मीद थी कि आने वाला कल हमारा होगा।

              एक दशक पहले छत्तीसगढ़ की जनता ने यह सपना पूरा करने का दायित्व हमें सौंपा था। इन दस वर्षों में हमने इस दिशा में जो प्रयास किए हैं, उसमें हमें लगातार सफलता मिली। मानव शक्ति, विशेषकर युवा एवं नारी शक्ति, का विकास हमारे प्राथमिकता क्रम में सर्वोपरि रहे हैं। विगत 5 वर्षों में हमने सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए सर्वाधिक संसाधन आवंटित किए। इससे कुपोषण, शिशु तथा मातृ मृत्यु दर कम करने, बालिका शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मानव विकास सूचकांक में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अपने लक्ष्यों को पूरा करने हेतु हमने अपने संसाधनों का कुशलता से उपयोग करने के प्रयास किए। यह जानकर संतोष हो रहा है कि इसे भारतीय रिजर्व बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्था ने सराहा है।

               प्रदेश की जनता ने लगातार तीसरी बार भी हम पर विश्वास दर्शाया है। इस जनादेश से जुड़ी आकांक्षाओं और चुनौतियों का भी हमें एहसास है। हमें अपने उन संकल्पों का भी स्मरण है जो हमने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए हैं। इन्हें क्रमशः पूरा करने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है। मुझे खुशी है कि इनमें से अधिकांश संकल्पों को पूरा करने के लिए इस बजट में प्रावधान किए गए हैं।

कृषि
कृषि विकास को विशेष महत्व देते हुए हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 में पहली बार पृथक से ’’कृषि बजट’’ प्रस्तुत किया गया था। इसी क्रम में वर्ष 2014-15 में कृषि तथा कृषि से सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए 8,495 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसमें कृषि एवं उद्यानिकी के लिए 4,102 करोड़, पशुपालन के लिए 422 करोड़, सहकारिता के लिए 228 करोड़, सिंचाई क्षमता वृद्धि के लिए 1,987 करोड़, समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में हानि एवं व्यय की पूर्ति के लिए 400 करोड़ तथा कृषि पंपों के ऊर्जीकरण एवं पंपों के लिए निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 458 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है।

                 उन्होने कहा अध्यक्ष महोदय, घोषणा पत्र में हमने आगामी 5 वर्ष तक धान पर 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की बात कही थी। मुझे सदन को सूचित करते हुए हर्ष है कि इसे पूरा करते हुए खरीफ 2013 में उपार्जित धान पर किसानों को 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस हेतु बजट में 2,400 करोड़ का प्रावधान है। वर्ष 2013-14 में किसानों को धान उपार्जन के लिए समर्थन मूल्य के रूप में लगभग 13,000 करोड़ वितरित किया जाएगा।

               आगामी वित्तीय वर्ष से कृषकों को ’’ब्याजमुक्त’’ अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा सहकारी तथा ग्रामीण बैंकों द्वारा वितरित होने वाले ऋण पर एक समान लागू होगी तथा कमर्शियल बैंक द्वारा वितरित ऋण पर ब्याज दर 3 प्रतिशत होगी।फसल चक्र परिवर्तन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गेहूँ बीज पर भी अनुदान दिया जाएगा।

पशुधन विकास तथा मछली पालन
ग्रामीण स्तर पर पशु स्वास्थ्य तथा प्रजनन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी वर्ष 10 नवीन पशु औषधालय की स्थापना एवं 10 पशु औषधालयों का चिकित्सालय में उन्नयन किया जाएगा।गत वर्ष परंपरागत गौ-पालन हेतु कृृषकों को 1 लाख तक कृषि ऋण 1 प्रतिशत के न्यूनतम ब्याज दर पर उपलब्ध कराने की योजना प्रारम्भ की गई थी। योजना का विस्तार करते हुए वर्ष 2014-15 से ऋण सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जाएगी।

सिंचाई
सिंचाई क्षमता वृद्धि हेतु इस बजट में 2,443 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें आयोजना मद के 2,167 करोड़ शामिल है। आयोजना मद् में अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु 1,897 करोड़ तथा नवीन कार्यों हेतु 200 करोड़ का प्रावधान है।अरपा भैंसाझार वृृहद परियोजना हेतु 100 करोड़, महानदी परियोजना समूह के नहर की रिमॉडलिंग एवं लाईनिंग हेतु 110 करोड़, बलौदाबाजार, गरियाबंद जिले की परसदा एवं दुर्ग की सुपकोना वितरक नहरों की रिमॉडलिंग हेतु 5 करोड़ 60 लाख का प्रावधान किया गया है।

स्कूल शिक्षा
स्कूल शिक्षा के लिए 6,298 करोड़ का प्रावधान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना, सर्वशिक्षा अभियान एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 1,332 करोड़ केन्द्रांश शामिल है।इस बजट में 15 हाई स्कूलों का हायर सेकेन्डरी एवं 15 पूर्व माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूल में उन्नयन हेतु 9 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।इस बजट में 100 हायर सेकेन्डरी स्कूलों के भवन निर्माण का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त 10 कन्या छात्रावास भवन एवं 10 विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भवन हेतु प्रावधान को शमिल करते हुए 12 करोड़ का प्रावधान है।   इस बजट में 20 शासकीय महाविद्यालयों में महिला छात्रावास स्थापित करने  तथा 21 महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु 8.3 करोड़ प्रावधान रखा गया है। मुझे सदन को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता है कि इसके साथ राज्य के सभी शासकीय महाविद्यालयों के पास स्वयं के भवन उपलब्ध हो जाएंगे।

अनुसूचित जाति तथा जनजाति विकास
समावेशी विकास हमारी विकासात्मक रणनीति का मुख्य आधार रहा है। आयोजना मद् में अनुसूचित जाति एवं जनजाति क्षेत्र के लिए जनसंख्या के अनुपात 43 प्रतिशत से भी अधिक अर्थात् 48 प्रतिशत बजट प्रावधान किया है। इस बजट में 15 हाईस्कूलों का उच्चतर माध्यमिक में एवं 15 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन हेतु 3 करोड़ एवं अनुसूचित जाति तथा जनजाति छात्रावासों एवं आश्रमों में 3,000 सीट वृद्धि हेतु 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है।गुणात्मक शिक्षा के लिए प्रारम्भ की गई ’’प्रयास’’ योजना की सफलता को देखते हुए सरगुजा एवं जगदलपुर संभाग मुख्यालय पर भी प्रयास विद्यालय प्रारम्भ किए गए हैं। वर्ष 2014-15 में बिलासपुर एवं दुर्ग संभाग मुख्यालय पर भी ’’प्रयास’’ विद्यालय प्रारम्भ किए जाएंगे।

रोजगार एवं कौशल विकास
सरकार ने गत वर्ष ’’युवाओं के कौशल विकास का अधिकार अधिनियम, 2013’’ लागू किया है। विगत 2 वर्षों में राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा 60,000 युवाओं को विभिन्न तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित किया गया है। इसी क्रम में राज्य के युवाओं को तकनीकी एवं गैर तकनीकी व्यवसायों में प्रशिक्षित कर रोजगार एवं स्व-रोजगार के माध्यम से स्वावलंबी बनाने हेतु राज्य के सभी 27 जिलों में आवासीय ’’लाइवलीहुड’’ कालेज स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए बजट में 69 करोड़ का प्रावधान है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक पॉलीटेक्निक स्थापित करने का लक्ष्य है एवं वर्तमान में कुल 23 पॉलीटेक्निक संचालित हैं। वर्ष 2014-15 में बिलासपुर एवं बस्तर में एक-एक अतिरिक्त पॉलीटेक्निक तथा भाटापारा में नवीन पॉलीटेक्निक की स्थापना की जाएगी।

स्वास्थ्य
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सृदृढ़ीकरण हेतु बजट में 2,701 करोड़ का प्रावधान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 58 प्रतिशत अधिक है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना ’’राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’’ का केन्द्रांश बाबत्   राशि 800 करोड़ शामिल है। राज्य में उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालयों की संख्या राष्ट्रीय मापदंडोे के अनुरूप हो गई है राज्य के सभी 27 जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपिस्ट के पद सृजित किए जाएंगे। भारतीय चिकित्सा परिषद् द्वारा जगदलपुर एवं बिलासपुर में स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 50-50 सीटों की वृद्धि हेतु सहमति दी गई है। इस वर्ष से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में अध्यापन का कार्य प्रारम्भ किया गया है। आगामी वर्ष से सरगुजा एवं राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में भी कक्षाएं प्रारम्भ की जाएंगी।

महिला एवं बाल विकास
बच्चों एवं महिलाओं के कल्याण तथा नारी सशक्तीकरण की दिशा में अनेक योजनाएं लागू की है, जिसके फलस्वरूप विगत 7 वर्षों में बच्चों में कुपोषण की स्थिति में 11 प्रतिशत की कमी हुई है। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास हेतु गत वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक 1,600 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।बालिकाओं को समाज में बराबरी का दर्जा प्रदान करने के लिए हमारे घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुरूप वर्ष 2014-15 से राज्य में ’’नोनी सुरक्षा’’ योजना प्रारम्भ की जाएगी। योजनांतर्गत बी.पी.एल. परिवार में जन्म लेने वाली बालिकाओं के नाम पर प्रति वर्ष 5,000 रुपए के मान से कुल 25,000 की राशि जमा की जाएगी। बालिकाओं के वयस्क होने पर उन्हें 1 लाख रुपए परिपक्वता राशि के रूप में प्रदान की जाएगी। इस हेतु बजट में 40 करोड़ का प्रावधान किया गया है।प्रदेश के बौने बंधुओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी।

पेयजल एवं स्वच्छता
पेयजल एवं स्वच्छता के लिए बजट में 814 करोड़ का प्रावधान है।  समस्याग्रस्त ग्रामों में पेयजल सुविधा मुहैया कराने हेतु नलकूप खनन तथा नल-जल योजना के लिए 81 करोड़ का प्रावधान है। शासकीय शालाओं, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आंगनबाड़ियों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजल एवं शौचालय सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। इस हेतु 17 करोड़ प्रावधान है।

वन
वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु 1,165 करोड़ का प्रावधान है। इसमें बिगड़े वनों के सुधार हेतु 111 करोड़, बांस वनो के पुनरोद्धार हेतु 42 करोड़ तथा भू एवं जल संरक्षण कार्यों हेतु 19 करोड़ 50 लाख का प्रावधान शामिल है।वन विभाग के अंतर्गत अधिकांश कार्य मजदूरी आधारित है। मजदूरी भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जहाँ पर बैंक की शाखायें उपलब्ध है, वहाँ मजदूरी की राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।

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