बर्खास्त आरक्षक की तबीयत बिगड़ी… जिला अस्पताल ने किया रिफर..5 सूत्रीय मांग को लेकर अड़ा रोहिणी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- पांच दिनों से धरना पर बैठे पांच सूत्रीय मांग को लेकर धरना पर बैठे आरक्षक को जिला अस्पताल से सिम्स में शिफ्ट किया गया है। बर्खास्त आरक्षक रोहिणी लुनिया ने पांचवे दिन में भी कुछ नहीं खाया। ना ही डॉक्टरों को इलाज की इजाजत दी है। जिसके चलते उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। जिला अस्पताल के डॉक्टों ने रोहिणी को सिम्स रिफर कर दिया है। बताते चलें कि एक दिन पहले यानि शनिवार को रोहिणी को पुलिस ने कोन्हेर गार्डन से उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। 

                            पुलिस परिवार के बैनर तले कोन्हेर गार्डन में अनशन करने वाले बर्खास्त आरक्षक को एक दिन पहले पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान पुलिस ने भरसक प्रयास किया कि रोहिणी अपना अनशन वापस ले। और इलाज में सहयोग करें। लेकिन बर्खास्त आरक्षक ने डॉक्टरों को इलाज नहीं करने दिया। मजबूर होकर आज उसे सिम्स रिफर कर दिया गया।

                 जिला अस्पताल से रिफर होने से पहले रोहिणी ने बताया कि वह अपना अनशन पांच सूत्रीय मांग पूरी होने के बाद ही खत्म करेगा। पुलिस विभाग में कर्मचारियों को बहुत प्रताड़ित किया जाता है। किसी आपरेशन में उसकी मौत होने पर शहीद का दर्जा भी नहीं दिया। भत्ता की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। अन्य कर्मचारियों की तरह पुलिस विभाग में साप्ताहिक अवकाश का होना जरूरी है। इसके अलावा बर्खास्त सभी जवानों को नौकरी पर लिए जाने के बाद वह अनशन तोड़ेगा।

                बर्खास्त आरक्षक ने बताया कि उसे ही नहीं बल्कि अन्य जवानों को बेवजह बर्खास्त किया गया है। अनशन से पहले वह पांच महत्वपूर्ण मांगो को लेकर डीजीपी से लेकर गृहमंत्री तक मुलाकात कर चुके है। लेकिन सभी जगह आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। पुरानी सरकार ने सिर्फ घोषणाएं की। लेकिन नई सरकार ने अपने वादा पत्र में पुलिस परिवार की मांग को जायज बताया। बावजूद इसके वादों को पूरा नहीं किया। अब अंतिम सांस तक पांच सूत्रीय मांग को लेकर संघर्ष करेगा। चाहे जिन्दा रहूं या ना रहूं। 

            बहरहाल जिला अस्पताल से रोहिणी को सिम्स रिफर कर दिया गया है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि रोहिणी ना तो दवाई लेने को तैयार है और ना ही बॉटल लगाने दे रहा है। उसकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। इसलिए मामले को गंभीरता से लेते हुए उसे सिम्स रिफर किया गया है।

 

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