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नई दिल्ली-बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर यादव की याचिका खारिज कर दी है. तेज बहादुर वाराणसी से महागठबंधन के बतौर उम्मीदवार लोकसभा चुना के लिए नामांकन दाखिल किा था जिसे चुनाव अधिकारी ने रद कर दिया था, जिसके खिलाफ तेज बहादुर सुप्रीम कोर्ट गए थे जहां उन्हें निराशा हाथ लगी है. उनका नामांकन अब पूरी तरह से रद हो गया है.सीजीवालडॉटकॉम के Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें चुनाव अधिकारी और तेज बहादुर के नामांकन रद करने के बीच दखल देने का कोई आधार नहीं मिला. तेज बहादुर की ओर से प्रशान्त भूषण ने कहा कि वो चुनाव को चुनौती नही दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा बस ये कहना है कि तेज बहादुर का नामांकन गलत तरीके से और गैरकानूनी तरीके से खारिज हुआ है और उन्हें 19 मई को चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाए. प्रशांत भूषण ने कहा कि मैंने अपनी बर्खास्तगी का आदेश नामांकन के साथ संलग्न किया था.
हमें जवाब रखने का पूरा मौका नही दिया गया. मैं चुनाव को नहीं रोक रहा हूं बस मैं चाहता हूं कि मेरा नाम भी चुनाव के लिए जोड़ा जाए.आपको बता दें कि आगामी 19 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण की वोटिंग होनी है जिसमें वाराणसी लोकसभा सीट का चुनाव भी होगा. 29 अप्रैल को तेज बहादुर यादव ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था. इसे एक मई को रिटर्निंग ऑफिसर ने खारिज कर दिया.
रिटर्निंग ऑफिसर के मुताबिक तेज बहादुर को 19 अप्रैल 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन नामांकन पत्र में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त नहीं किया गया. तेज बहादुर यादव ने कहा है कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी का आदेश दिया था जिसमें साफ था कि उसे अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था. याचिका में ये भी कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वाजिब समय भी नहीं दिया.