बर्खास्त जवान पत्नी के साथ धरने पर बैठा..शाम होते पुलिस ने खदेड़ा..टैन्ट जब्त..दोनों ने कहा..फिर देंगे धरना

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—पुलिस सेवा सुधार की पांच सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार का बर्खास्त पुलिस जवान रोहिणी कुमार लोनिया ऊर्फ मनीष नेहरू चौक पर होली के दूसरे दिन धरना प्रदर्शन किया। रोहिणी कुमार ने बताया कि जब तक मांग पूरी नहीं होती है। अनशन पर बैठें रहेंगे। इस दौरान उनकी पत्नी भी धरना पर बैठी। लेकिन शाम होते ही करीब सात बजे के आस पास सिविल लाइन पुलिस ने पति पत्नी को जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर घर भेज दिया। टेन्ट को भी उखाड़कर जब्त कर लिया है।

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                     रोहिणी कुमार ने बताया कि 9 मार्च को पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी को पुलिस सेवा में सुधार को लेकर पांच सूत्रीय मांग पत्र दिया था। पत्र में बताया गया कि यदि मांग पर गौर नहीं किया गया तो नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन करेंगे। मांग पूरी नहीं होने पर आज 11 मार्च को पत्नी के साथ धरना प्रदर्शन कर रहा हू। जब तक मांग पूरी नहीं होती है। अपनी पत्नी के साथ अनशन पर रहूंगा। 

            मनीष लोनिया ने जानकारी दी कि हमारी प्रमुख पांच मांग है। हम चाहते हैं कि शहीद जवानों को शासकीय रिकार्ड में शहीद का दर्ज दिया जाए। पुलिस विभाग में प्रताड़ना को तत्काल बन्द किया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस और सीएएफ में जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए। तत्काल किट पेटी प्रथा बन्द कर नियमित किट भत्ता की व्यवस्था की जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग और सीएएफ के जवानों को रिस्पांस भत्ता की व्यवस्था की जाए। मनीष ने कहा जब तक मांग पूरी नहीं होती है अपने परिवार के साथ धरना पर बैठेंगे।

शाम होते टैंट उखाड़ा..मनीष को घर पहुंचाया गया 

      देर शाम सिविल लाइन पुलिस ने टैण्ड उखाड़कर फेंक दिया। रोहिणी ऊर्फ मनीष लोनिया और पत्नी को गाड़ी में बैठकर उसके घर घुटकू भेजा गया। मोबाइल पर बातचीत के दौरान रोहिणी ने बताया कि पुलिस की इसी अत्याचार के खिलाफ हमारा संघर्ष है। एक साल पहले बर्खास्त किया गया। आज तक नौकरी के लिए संघर्ष कर रहा हूं। सरकार ने आश्वासन दिया था। पुलिस परिवार के साथ न्याय किया जाएगा। लेकिन एक साल बाद भी न्याय का इंतजार है। हमें जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर घर भेजा जा रहा है। हम दूसरे दिन फिर आंदोलन करेंगे। चाहे उनकी जान ही क्यों नहीं चली जाए। लेकिन मांग पत्र के लिए अन्त तक संघर्ष करेंगे।

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