बर्खास्त ज्वांट कलेक्टर को मिलेगी नौकरी…हाईकोर्ट ने किया बाइज्जत बरी…जाना पड़ा था पड़ा था जेल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–हाईकोर्ट ने एक फैसले में बर्खास्त तात्कालीन ज्वाइंट कलेक्टर संतोष देवांगन को अवैध प्लाटिंग के जुर्माना मामले में बाइज्जत बरी कर दिया है। मामले में देवांगन को दो बार जेल जाना पड़ा था। नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। जबकि तत्कालीन स्थिति में संतोष देवांगन को आईएएस अवार्ड भी होने वाला था।
                       बताते चलें कि संतोष देवांगन को बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान अवैध प्लाटिंग के  मामले में आरोपी बनाया गया था। तत्कालीन समय संंतोष देवांंगन बिलासपुर में  एसडीएम थे। अवैध प्लाटिंग के एक मामले में देवांगन ने  डेढ़ लाख रुपए जुर्माना किया था। बाद में नोटशीट बदलकर डेढ़ लाख को पंद्रह हजार कर दिया। शिकायत के बाद ईओडब्लू की कार्रवाई हुई। ईओडब्लू ने जांच के बाद साल 2015 में कोर्ट में चालान पेश किया।
         चालान पेश होने के बाद ईओडब्लू ने संतोष देवांंगन को बलौदाबाजार कलेक्टर बंगले से गिरफ्तार किया। जानकारी हो कि संतोष  देवांगन को तत्कालीन समय ईओडब्लू की कार्रवाई की भनक लग गयी थी। खुद को गिरफ्तारी से बचाने कलेक्टर के बंगले चले गए। लेकिन, ईओडब्लू की टीम ने संतोष देवांगन को कलेक्टर वंके बंगले से गिरफ्तार किया। बाद में संतोष को जमानत भी मिल गयी।
                        ट्रायल कोर्ट में देवांगन के खिलाफ केस चलाया गया। जून 2017 में ट्रॉयल कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई। इसके बाद देवांगन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। उस समय की परिस्थितिय़ों में जानकारी के अनुसार देवांगन को आईएएस का अवार्ड भी होने वाला था।
           ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद वे संतोष दो महीने जेल में रहे। फिर हाईकोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गयी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की जस्टिस सवंत की पीठ ने देवांगन को दोषमुक्त कर दिया। बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील दी कि  बाबुओं ने डेढ़ लाख रुपए रूपए की फाइन की नोटशीट को बदलकर 15 हजार कर दिया। जबकि इसमें संतोष की कोई भूमिका नहीं थी।
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