बस्तर दशहरे में नहीं होता रावण दहन

Shri Mi
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3443-ccरायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को छत्तीसगढ़ में हम सब मिलकर जनआंदोलन बना रहे है। स्त्री-पुरूष जनसंख्या के मामले में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय अनुपात से काफी आगे है। हमारे यहां प्रति एक हजार पुरूषों की तुलना में 991 महिलाएं हैं। उन्होंने कहा-यह राज्य में महिलाओं की अच्छी स्थिति का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री आज सवेरे आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता ’रमन के गोठ’ में आम जनता को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने सभी लोगों को शारदीय नवरात्रि के साथ -साथ 11 अक्टूबर को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की भी शुभकामनाएं दी।

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                              सीएम ने दशहरा, करवाचौथ, धनतेरस और दीपावली सहित एक नवम्बर को मनाए जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस ’राज्योत्सव’ के लिए भी प्रदेशवासियों को बधाई दी और जनता के प्रति अपनी शुभेच्छा प्रकट की। मुख्यमंत्री ने अपने आज के प्रसारण में महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में राज्य में महिलाओं की बेहतर स्थिति और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ. सिंह ने कहा-नारी सम्मान की रक्षा के लिए अपने घरों में शौचालय का होना और इसके उपयोग की आदत डालना सबसे जरूरी है। मैं चाहूंगा कि पुरूष स्वयं इसकी पहल करें।

                        सीएम ने समृद्धि को स्वच्छता से जोड़ने की भारतीय परम्परा का उल्लेख करते हुए दीपावली को स्वच्छता के अवसर के रूप में देखने की जरूरत पर भी बल दिया। आने वाले राज्योत्सव 2016 के संदर्भ में उन्होंने कहा-भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी हमें राज्य की सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की बेहतर सामाजिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा-राज्य के 27 में से 13 जिलों में तो महिलाओं की संख्या पुरूषों से भी ज्यादा है। यह छत्तीसगढ़ में महिलाओं की अच्छी स्थिति का प्रतीक है। इसके साथ ही यह राज्य में कन्या जन्म को मिलने वाले सम्मान, महिलाओं के प्रति बराबरी की भावना और उनकी सुविधाओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता का भी परिचायक है।

                        डॉ. सिंह ने कहा नवरात्रि में कन्या भोज की परम्परा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में हमने इसे और आगे बढ़ाते हुए कुपोषण मुक्ति और पोषण सुरक्षा तक पहुंचा दिया है। डॉ. सिंह ने यह भी कहा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को छत्तीसगढ़ में हम सब मिलकर जनआंदोलन बना रहे है। कन्याओं को संरक्षण देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ’नोनी सुरक्षा योजना’ की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारों में जन्म पर उनके नाम से बैंक में खाता खोलकर राशि जमा की जाती है।

                   सीएम ने कहा कि बेटी के 18 वर्ष के होने पर उसे एक लाख रूपए मिलेंगे। कक्षा पहली से कॉलेज तक बालिकाओं के लिए निःशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। महिलाओं के लिए रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में भी हमने कई इंतजाम किए हैं। सस्ती ऋण सुविधा, राशन दुकान, आंगनबाड़ी, कुपोषण मुक्ति, गणवेश सिलाई जैसी योजनाओं से महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया है।

                  डॉ. सिंह ने कहा-वैसे तो देश-प्रदेश में रावण दहन की परिपाटी है, लेकिन बस्तर दशहरे में रावण का दहन नहीं किया जाता। इसके साथ ही बस्तर दशहरे की पहचान दुनिया में सबसे लम्बे समय तक, यानी 75 दिनों तक मनाए जाने वाले पर्व के रूप में है। मां दंतेश्वरी के भव्य और दिव्य रथ को हजारों आदिवासी भाई मिलकर खींचते हैं। इस पर्व में लाखों देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होते हैं।

                   दीवाली को देखें स्वच्छता के अवसर के रूप में

                         सीएम ने कहा कि दीपावली को हमें स्वच्छता के अवसर के रूप में देखना चाहिए। हम सब मिलकर ध्वनि, वायु, जल आदि हर तरह के प्रदूषण को रोकने मे मददगार बनें। पटाखें कम से कम फोड़े। सजावट के लिए स्थानीय कुंभकार भाई-बहनों द्वारा बनाए गए दीये जलाएं, विदेशी झालरों और अन्य सामानों का उपयोग न करें।

                     इस तरह हम ’मेक-इन-इंडिया’ और ’स्टार्ट-अप-इंडिया’ को सफल बनाने में भी भागीदार बन सकते हैं। ऐसे प्रयासों से हम देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना योगदान दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने किया दशहरे में दस लक्ष्य तय करने का आव्हान

                           डॉ. रमन सिंह ने लोगों को विजयादशमी की बधाई देते हुए कहा-यह त्यौहार हमारी भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व रखता है। जिस प्रकार रावण के दस सिर, दस तरह की बुराईयों के प्रतीक थे, उसी तरह समाज में भी कोई न कोई कमी रह जाती है, जिसमें सुधार की जरूरत होती है। डॉ. सिंह ने इस सिलसिले में सभी लोगों से दस लक्ष्यों का निर्धारण करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा-मैं चाहता हूं कि हम सब मिलकर शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कौशल विकास, अधोसंरचना विकास, वैज्ञानिक चेतना, सेवा, संस्कृति, रोजगार और उद्यमिता जैसे कोई दस लक्ष्यों का निर्धारण करें और समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर नये शिखरों तक पहुंचने में सफलता हासिल करें।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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