रमन बोले बस्तर-सरगुजा में ब्राँच खोलने से क्यों कतराते हैं कमर्शियल बैंक

Chief Editor
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166cc(2) ♦सीएम डा. रमन सिंह ने अंतर्राज्यीय परिषद की दिल्ली मीटिंग में उठाया मुद्दा
विशेष प्रावधान का दिया सुझाव
नईदिल्ली।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी इलाकों में बैंकों और संचार सुविधाओं के विस्तार के लिए केन्द्र सरकार को विशेष  प्रावधान करने की जरूरत है । डॉ. सिंह ने रविवार को  नई दिल्ली में केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित अंतर्राज्यीय परिषद की ग्यारहवीं बैठक में इस आशय के विचार व्यक्त किए। केन्द्रीय गृह मंत्री  राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक पुंछी आयोग की सिफारिशों पर राज्यों के सुझाव जानने के लिए आयोजित की गई थी। बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्री  अरूण जेटली , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , ओडिशा के मुख्यमंत्री  नवीन पटनायक , त्रिपुरा के मुख्यमंत्री  मानिक सरकार और अन्य राज्यों के अन्य राज्यों के मंत्रिगण उपस्थित थे ।

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                            बैठक में डॉ. रमन सिंह ने वित्तीय सुझावों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में  बैंक का कव्हरेज क्षेत्र केवल 10 प्रतिशत और सरगुजा में 15 प्रतिशत है । वाणिज्यिक बैंक इन क्षेत्रों में अपनी शाखा खोलने से कतराते है । ऐसे में विशेष प्रावधान किये जाने आवश्यक है । उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक बैंको को बस्तर में बैंक शाखा खोलने के एवज में प्रोत्साहन स्वरूप ए$ शहरों में दो या तीन शाखा खोलने की अनुमति प्रदान करना चाहिए । केन्द्रीय गृह मंत्री और केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इसे अच्छा सुझाव बताया और इस पर अमल करने की बात कही ।

                               मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि छत्तीसगढ़ में निजी टेलिकॉम कंपनियों द्वारा भी आदिवासी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के प्रसार को प्राथमिकता नहीं दी जाती है ऐसे में यूएसओएफ फंड से राज्य को उसका शेयर प्रदान करना चाहिए ताकि वह बस्तर जैसे दुरूह आदिवासी क्षेत्र में संचार सेवाओं का अपने स्तर पर प्रसार कर सके ।मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के 8 नक्सल हिंसा से प्रभावित जिलों को सेन्ट्रल असिंस्टेस फंड पुनः प्रारंभ करने की भी मांग की । बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव  विवेक ढांड और अपर मुख्य सचिव  एन.बैजेन्द्रकुमार भी उपस्थित थे ।

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