बिलासपुर— नेहरू चौक पर आयोजित महासभा को संबोधित करने के बाद समर्थकों भारी भीड़ के साथ भूपेश बघेल कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर अन्बलगन पी. किसी बैठक में शामिल होने शहर के बाहर थे। सिटी मजिस्ट्रेट क्यू.ए.खान ने भूपेश बघेल से बताया कि वे राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम लिखे गए पत्र को दे सकते हैं। लेकिन भूपेश ने ज्ञापन देने से इंकार कर दिया।
इस दौरान जिला प्रशासन प्रतिनिधि और कांग्रेस नेता के बीच जमकर बातचीत हुई। भूपेश बघेल अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर के गेट तक पहुंच गए। उन्होने सिटी मजिस्ट्रेट से दो टूक कहा कि जब आपको कार्रवाई का अधिकार नहीं है तो ज्ञापन क्यों दिया जाए। भूपेश बघेल ने कहा कि हमें कलेक्टर के अर्दली को ज्ञापन देना है। कम से कम हमारा पत्र कलेक्टर तक तो पहुंचा देगा।
कांग्रेस ने अर्दली को तलाशा लेकिन वह कहीं दिखाई नहीं दिया। इस बीच नाराज कांग्रेसियों ने कलेक्टर गेट के सामने भूपेश बघेल के साथ धरने पर बैठ गए। महामंत्री अटल श्रीवास्तव,नरेन्द्र बोलर,आशीष सिंह ठाकुर,राजेन्द्र शुक्ला,दिलीप लहरिया.चन्दुलाल साहू,चन्द्रप्रकाश वाजपेयी,चन्द्रप्रदीप वाजपेयी,अभय नारायण राय,शेख नजरूद्दीन,शैलेन्द्र जायसवाल समेत सैकड़ों कांग्रेसियों ने केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरने पर बैठे भूपेश बघेल ने कहा कि घर उज़ाड़ने के लिए शासन एक पैर पर खड़ी रहती है। आज शांति समिति की बैठक होने वाली है। कलेक्टर नदारद हैं। इससे जाहिर होता है कि जिला प्रशासन गरीबों का सेवक बनकर नहीं बल्कि पूंजीपतियों का गुलाम बन चुका है। यह जानते हुए भी आज उन्हीं की अनुमति से नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। उन्हें पूर्व में जानकारी दी गयी थी कि डबरीपारा वासियों के साथ कलेक्टर को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया जाना है। बावजूद इसके उन्होने कार्यालय में रहना मुनासिब नहीं समझा। हजारों की भीड़ कलेक्टर कार्यालय के सामने खड़ी है यदि कुछ दुर्घटना हो जाए तो सक्षम अधिकारी यहां मौजूद नहीं है।
करीब आधे घंटे तक जिन्दाबाद और मुर्दाबाद नारेबाजी के बाद भूपेश बघेल ने कलेक्टर गेट के सामने राष्ट्रपति के नाम वाले पत्र को चस्पाकर दिया। उन्होने कहा कि यदि कलेक्टर की नजर पड़ जाए तो ठीक वरना उन्हें पुलिस प्रशासन वाट्सअप पर सूचना भेज दे। यदि गरीबों की बस्ती की तरफ किसी ने नजर डाला तो उसका गंभीर परिणाम प्रशासन और सरकार को भोगना होगा।