बिलासपुर— रेलवे परिक्षेत्र स्थित अतिक्रमण प्रभावित बापूनगर के लोगों ने एक बार फिर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर आवास की मांग की है। मालूम हो कि महीने भर पहले रेलवे प्रशासन ने आधी सदी से भी अधिक समय तक रेलवे स्थित बापूनगर वासियों को जमीन खाली करने का निर्देश दिया। बाद में कार्यवाही करते हुए 75 मकानों को तोड़ दिया। विरोध के बीच अन्य मकानों को नोटिस देकर रेलवे ने जमीन करने को कहा। मकान टूटने के बाद बापूनगर वासियों ने कांग्रेस के सहयोग से अभियान का विरोध किया था। इस दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ बापूनगर वासियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आवास की मांग की थी। मकान तोड़े जाने के बाद प्रभावित लोग इस समय खुले आसमान के नीचे जीवन गुजार रहे हैं। कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी उन्हें अभी तक कोई आशियाना नसीब नहीं हुआ है।
रेलवे की जमीन पर लम्बे समय से लोग गुमटी, ठेला और अन्य व्यवसाय कर जीविकोपार्जन करते हैं। यहां करीब पचास साल से अधिक समय से लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर अपना जीवन गुजार रहे हैं। पिछले महीने रेल प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने नोटिस जारी किया। बावजूद इसके लोगों ने जमीन खाली नहीं किया। इसके बाद कार्यवाही करते हुए रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने अभियान चलाया। करीब 6 दर्जन से अधिक निर्माण को तोड़ दिया।
अभियान के बाद आवास सम्बधित समस्याओं को लेकर बापूनगर के लोगों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगायी। लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। आज एक बार फिर बापूनगर के लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर…आवास की मांग करते हुए अपनी समस्याओं को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने रखा है।
प्रभावित परिवार के लोगों ने बताया कि रेलवे की कार्रवाई से उन्हें कोई शिकायत नही है। घर तोडऩे के पहले प्रशासन ने रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की। पीड़ितों ने बताया कि निम्न आय वर्ग से होने के कारण उन्हे किराए पर घर भी मिल रहा है। घर टूटने के बाद उनका परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।