बिलासपुर– जिला पुलिस और महिला और बाल विकास विभाग ने एक साथ दर्जनों से अधिक स्थानों पर छापामार कार्रवाई की है। जगह जगह बालश्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। दोनों विभाग ने दर्जनों जगह की गयी कार्रवाई के दौरान कई बालश्रमिकों को राहत देते हुए जरूरी कदम उठाया है। रेस्क्यू अभियान में पुलिस और महिला और बाल विकास के आला अधिकारी शामिल हुए।
जिला पुलिस और महिला बाल विकास की संयुक्त टीम ने आलाधिकारियों के साथ बालश्रम के खिलाफ शहर में संभावित स्थानों पर छापामार कार्रवाई की है। बाल श्रमिक के खिलाफ चलाए गए विशेष रेस्क्यू अभियान में कई मामले दर्ज किए गए। बालश्रमिकों को काम करने से रोका गया। अभियान में श्रम विभाग के कर्मचारी भी शामिल हुए।
एडिश्नल एसपी अर्चना झा ने बताया कि बाल श्रमिक के खिलाफ चलाए गए रेस्क्यू अभियान में बिलासपुर में बालकों के संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाना और नियम आदेश का पालन करनवाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग की एन्टी ह्ययूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) के साथ श्रम विभाग की संयुक्त टीम ने बालश्रम में शामिल होने वाले संभावित स्थानों पर छापामार कार्रवाई की है। खासतौर पर हॉटल , ढाबा ,कपड़ा मार्केट, छाता निर्माण कम्पनियों में दबिश दी गयी है।
अर्चना झा ने बताया कि टीम ने सार्वजनिक स्थानों खासतौर पर चौक चौराहे रेलवे स्टेशनों समेत कई सार्वजनिक जगहों पर बालश्रम से जुड़े नाबालिगों को कस्टडी में लिया गया। एडिश्नल एसपी ने बताया कि टीम को बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक और भिक्षावृत्ति में शामिल 10 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। संरक्षण में लिए गए 3 बच्चे बालश्रम में शामिल होना पाए गए।
अर्चना झा ने बताया कि तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के आदेश पर बालगृह में संरक्षण दिया गया। बाल श्रम नियोजित उपक्रम के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी।