बिजली कम्पनी ने बनाया रिकार्ड..8 महत्वपूर्ण ट्रांसफार्मर स्थापित.. आदिवासी क्षेत्रों को मिलेगा फायदा

BHASKAR MISHRA
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रायपुर—-प्रदेm में उपलब्ध भरपूर बिजली का लाभ शहरों की तरह सुदूर ग्रामीण अंचलों और वनांचलों में रहने वाले उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को लेकर पारेषण कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों ने कोरोना वायरस में अहम योगदान दिया है। विभाग को लाॅकडाउन के दौरान आठ अति उच्चदाब ट्रांसफार्मर को अथक प्रयास से स्थापित करने में सफलता मिली है। यह जानकारी ट्रांसमिशन कंपनी प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मंदिर हसौद, सिमगा, बेरला, विश्रामपुर, कोण्डागांव, कोनी, कवर्धा और गुरूर में अति उच्चदाब उपकेन्द्रों में अतिरिक्त ‘‘पाॅवर ट्रांसफार्मर’’ की स्थापना की गयी है।
 
                        बातचीत के दौरान अशोक कुमार ने बताया कि ट्रांसफार्मरों के ऊर्जीकृत होने से खेती किसानी के कार्यों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत की आपूर्ति होगी। साथ ही बिजली की मांग बढ़ने पर भार वृद्धि की स्थिति में विद्युत कटौती की स्थिति नहीं होगी।  साथ ही पारेषण प्रणाली की सुरक्षा बनी रहेगी। एमडी श्री कुमार ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर ट्रांसमिषन कंपनी की तरफ से  आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए कुरूद धमतरी  में निर्मित 400/220 केव्ही अतिउच्चदाब उपकेन्द्र को चालू किया गया। इसमें 315 एमव्हीए का पाॅवर ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया  हैं।
 
                  कुमार ने बताया कि उपकेन्द्र के चालू हो जाने से भिलाई, बारसूर, गुरूर, नारायणपुर में स्थापित अति उच्चदाब उपकेन्द्रों को भार में राहत मिलेगी। इसके अलावा उपकेन्द्रों में किसी प्रकार के व्यवधान की स्थिति में वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी।उन्होंने बताया कि गुरूर के अलावा राजधानी रायपुर के औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के 220/132 केव्ही उपकेन्द्र में स्थित 40 एमव्हीए के पाॅवर ट्रांसफार्मर में तकनीकी गडबड़ी आई थी। बदलने का कार्य कोरोना संक्रमण काल में भी जारी हैॅ।
 
                जिसमें से गुरूर उपकेन्द्र के 40 एमव्हीए पाॅवर ट्रांसफार्मर को ट्रांसमिषन कंपनी के अधिकारियों/कर्मचारियों ने लगभग 3.50 करोड़ की लागत से 23 जुलाई 2020 को ऊर्जीकृत किया गया।  इसके अलावा सिलतरा के 40 एमव्हीए पाॅवर ट्रांसफार्मर को बदलने का कार्य चालू माह के अंत तक कर लिया जाएगा।
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