बिना चिन्ह स्वाभिमान पार्टी लड़ेगी चुनाव..मैदान में पूरन छाबरिया..विरेन्द्र पाण्डेय ने कहा जरूरत पड़ी तो जाएंगे कोर्ट

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— स्वाभिमान पार्टी प्रमुख विरेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि भारत को भारत ही रहने दिया जाए। इसे चीन या अमेरिका बनाने का कुप्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि समस्याएं पैदा हो रही है। 1700 से पहले भारत का विश्व व्यापार में 25 प्रतिशत से अधिक योगदान था। आज की स्थिति में भारतीय व्यवस्था और व्यापार की हालत किसी से छिपी नहीं है। अंग्रेज जैसा चाहते थे..आज वही हो रहा है। पत्रकार वार्ता में पाण्डेय ने बताया कि चुनाव में भारी सुधार की जरूरत है। हमारा प्रयास जारी रहेगा। हमने स्वाभिमान पार्टी के बैनर तले मात्र एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जीत  हार हमारे  लिए मायने नहीं रखता है। मायने तो अपनी बातों को पहुचाने का है।

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                                       विरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश की 11 में से एक मात्र सीट बिलासपुर से स्वाभिमान पार्टी चुनाव लड़ेगी। देश में कुल 10 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा जाएगा। अन्य सहयोगियों के साथ कुल 20 सीटों पर चुनाव लडेंगे। बिलासपुर से स्वाभिमान पार्टी के उम्मीदवार पूरन छाबरिया होंगे। पूरन छाबरिया को अपने जिले और प्रदेश से प्यार है। उन्होने भी भ्रष्ट व्यवस्था का अनेको बार सामना किया है। निश्चित रूप से उनकी बातों को जनता समझेगी। बताते चलें कि हमें जीत हार से मतलब नहीं है। मतलब तो भ्रष्ट व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर है।

                  इस दौरान पूरण छाबरिया ने भी अपनी बातों को रखा। सरकारी की करनी कथनी पर जमकर बातें की। विरेन्द्र दुबे ने बताया कि हमारी पार्टी का लक्ष्य जनता तक प्रमुख तीन बातों को पहुंचाना है। उन्होने कहा कि आज की व्यवस्था अंग्रेजो की देन है। जो उन्होने अपने हितों को लेकर बनाया था। हम आजादी के बाद आज भी उसी ठांचे को घसीट रहे हैं। यही कारण है कि भ्रष्टअचार करने वाले अधिकारी मस्त और जनता त्रस्त है। दरअसल हमारी व्यवस्था पूरी तरह से आयातित है।

                       विरेन्द्र पाण्डेय ने जोर देते हुए कहा कि भारत में एक समय प्रकृति केन्द्रित प्रशाननिक ढांचा हुआ करता था। आज पुरी तरह से चौपट हो गया है। हम भारत को चीन,अमेरिका बनाना चाहते हैं। ्थजो सरासर गलत है। जब रतनजोत से भारत का फाइटर प्लेन चल सकता है तो प्रकृति का अनावश्यक दोहन की जरूरत क्यो हो। खुद पूरन छाबरिया ने रनतजोत का व्यापार किया। उसी रतनजोत के तेल से 27 अगस्त 2108 को भारत का फाइटर प्लेन ने उडान भरा। बावजूद इसके भारत के भ्रष्ट व्यवस्थापकों ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया। अब इसका परिणाम आने लगा है।

                     पाण्डेय ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि भारत को भारत ही रहने दो। सन् 1700 से पहले विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी 25 प्रतिशत से अधिक हुआ करती थी। हम सोने की चीडिया कहलाते थे। आज हमारी स्थिति क्या है। किसी से छिपी नहीं है। व्यवस्था पुरी तरह से चौपट हो गयी है। अंग्रेज चले गए लेकिन अपनी सुरक्षा में बनाये गए कानूनों को भ्रष्टाचारियों को दान कर गए। इस व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। हमारा प्रयास लोकतांत्रिक होगा।

                पाण्डेय ने बताया कि हम चुनाव मैदान में बिना चुनाव चिन्ह के उतरेंगे। जीत हार अपनी जगह है। जितना भी वोट मिलेगा…चुनाव आयोग के सामने रखेंगे। मांग करेंगे की चुनाव चिन्ह के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया को बंद किया जाए। इससे किसी खास दलों को फायदा होता है। बेहतर होगा कि चुनाव प्रत्य़ाशियों के चेहरे पर लड़ा जाए। पहले भी लड़ा गया है। यदि चुनाव आयोग से बात नहीं बनी तो हम कोर्ट भी जाएंगे।

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