एटीएम तक नोट पहुंचाने में रिजर्व बैंक की तैयारियां फिसड्डी साबित हुई है। एटीएम से नगदी देनेे का प्रबंध फ्लाप शो साबित हुआ है। जाहिर हो गया है कि रिजर्व बैंक के पास नये नोटों की संख्या पर्याप्त नहीं है। छोटे नोटों की संख्या इतनी नहीं है कि आम लोगों की जरूरतों को पूरी कर सके। ऐसे में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
दो दिन बंद करने के बाद उम्मीद थी कि तीसरे दिन एटीएम खुलने से बैंकों में भीड़ कम हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बल्कि तीसरे दिन बैंकों में ग्राहकों की भीड़ पहले दो दिन के मुकाबले ज्यादा दिखाई दिए। इसकी मुख्य वजह एटीएम तक रूपए नहीं पहुचना बताया जा रहा है। सच्चाई तो यह है कि एटीएम ही नहीं बल्कि बैंक तक नोट पहुंचाने में केंद्रीय बैंक की व्यवस्था फिसड्डी साबित हुई है। शनिवार दोपहर तक बिलासपुर के कुछ ही एटीएम तक नकदी पहुंची।
सीजी वाल की टीम ने अपने स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों और, बैंक अधिकारियों , ग्राहकों से दिन भर बातचीत की। बैंकों के अधिकारियों ने बताया कि स्थिति सामान्य होने में कम से कम दो से तीन हफ्ते का समय लगेगा।
नकदी की किल्लत
बैंकों के सामने सबसे ज्यादा नकदी की किल्लत है। हालात के मुताबिक बैंको तक सिर्फ 2000 के नये नोट ही पहुंचे हैं। लेकिन उनकी भी संख्या बहुत ही कम है। ग्राहकों को 500 के नए नोटों का अभी तक दर्शन नहीं हुआ है।प्रशासन और बैंक अधिकारियों ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में नोट नहीं पहुंचाने के पीछे वाहनों और सुरक्षा गार्डो का टोंटा है। नकदी भेजने वाली कंपनियों के पास पर्याप्त संख्या में गाड़ी और सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। मौजूदा वाहनों और सुरक्षा की मदद से न्यायधानी के बैंकों तक नकदी नहीं पहुंच पहुंची है।
एटीएमः तैयार नहीं
रिजर्व बैंक से पर्याप्त नकदी नहीं पहुंचने से एटीएम से अभी नये नोट नहीं मिल रहे हैं। जानकारी के अनुसार एटीएम के सूचना प्रौद्योगिकी में बदलाव प्रक्रिया हो रहा है। इसमें अभी कई दिन लग सकते हैं। नये नोटों का साइज और वजन अलग हैं। इसके चलते मौजूदा एटीएम नोटों को रीड करने में फेल साबित हो रहा है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि, अभी सिर्फ 100 के नोट ही एटीएम में डाले जा रहे हैं।पहले से ही बाजार में 100 के नोटों की संख्या कम है। पहले जहां एक एटीएम मशीन में 500, 1000 के 50 लाख रुपये डाले जा सकते थे। अब 100 के सिर्फ 10 लाख रुपये ही हम डाल पा रहे हैं। इससे हम पहले के मुकाबले पांच गुणा कम राशि ग्राहकों को दे रहे हैं।
अस्पष्ट नियम
पुराने नोट हटा कर नये नोट देने के सरकार के नियमों की अस्पष्टता भी ग्राहकों को महंगी पड़ रही है। आरबीआई से बैंकों को जो नोटिस मिली है उसमें साफ नहीं है कि एक आदमी रोजाना 4000 रुपये बैंक शाखा से ले सकता है या एक दिन में कई शाखाओं से चार-चार हजार रुपये ले सकता है। सीजी वाल की टीम ने कुछ बैंक मैनेजरों से संपर्क किया। सबका जवाब अलग-अलग था। नामचीन बैंक के एक मैनेजर ने बताया कि हम ग्राहक का पैन कार्ड या आइडी नंबर डालते हैं। कंप्यूटर से प्रूफ होने के बाद ही नोट बदलते हैं।