बिना लायसेंस पीए बना सांसद का सारथी

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

IMG-20151221-WA0009बिलासपुर—फिल्मी दुनिया की रस्म अजीब है। ताबूत बनाने के बाद मुर्दे की तलाश होती है। संगीत रचना पहले और बोल बाद में लिखे जाते हैं। बिलासपुर सांसद के साथ भी इन दिनों ऐसा ही कुछ हो रहा है। बैतलपुर दुर्घटना के बाद एक ऐसे ड्रायवर की तलाश की जा रही है जिसके पास  ना केवल लायसेंस हो बल्कि उसका कलेजा इतना बडा हो कि बैतलपुर दुर्घटना के समय गाड़ी चलाने की जिम्मेदारी भी अपने सिर ले सके।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                               कुछ दिन प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के बाद रायपुर से बिलासपुर लौट रहे सांसद लखनलाल साहू की गाड़ी अनाड़ी ड्रायवर से नाराज होकर  बैतलपुर सड़क छोड़कर तीन चार बार पलटने के बाद खेत में रूक गयी। गाड़ी में सवार बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू और कोटा से विधानसभा भाजपा प्रत्याशी बाल-बाल बच गये। सांसद साहू के पीए को भी चोट नहीं पहुंची। घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया । चोट किसी को नहीं लगी। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। दुर्घटना के समय गाड़ी बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू का पीए राम साहू चला रहा था जिसके पास लायसेंस भी नहीं है। मजेदार बात है कि आरटीओ और पुलिस इस बात को अच्छी तरह से जानती है लेकिन कार्रवाई से परहेज कर रही है।

                          जानकारी के अनुसार बिलासपुर सांसद जिस गाड़ी से लम्बी-लम्बी दूरी तय करते हैं उसका ड्रायवर नवरात्रि के सप्तमी से नाराज होकर नौकरी छोड़ दिया है। खबर लिखने का उद्देश्य यह नहीं है कि ड्रायवर ने नौकड़ी क्यों छोड़ी। बल्कि उद्देश्य यह है कि रायपुर से लौटते समय सांसद की गाड़ी को चलाने की जिम्मेदारी  राम साहू को क्यों दी गयी। यह जानते हुए भी उसके पास गाड़ी चलाने का लायसेंस नहीं है। बावजूद इसके सांसद ने उसे गाड़ी चलाने के लिए क्यों दिया। प्रश्न उठता है कि क्या सांसद ने ऐसा जानबूझ कर किया य़ा फिर ड्रायवर का पैसा बचाने के फिराक में उन्हें रिस्क लिया। दोनो ही सूरत में इसे अपराध माना जाएगा।

                         मालूम हो कि सांसद के वेतन में आफिस मेंटनेंस और ड्रायवर,गाड़ी का खर्च भी शामिल है। लेकिन सांसद ने मात्र कुछ हजार बचाने के फेर में पुराने अनुभवी ड्रायवर को हटा दिया। इतना ही बाद में ड्रायवर खोजने का प्रयास भी नहीं किया। उल्टा नियमों को ताक पर रखते हुए सांसद के पीए ने स्टेयरिंग संभाल लिया।कहने का मतलब कि राम साहू ने पीए के साथ सारथी की जिम्मेदारी अपने सिर ले लिया है।

                              राम साहू के पास सांसद क्या घर की गाड़ी भी चलाने का अधिकार नहीं है। दरअसल राम साहू के पास गाड़ी चलाने का लायसेंस ही नहीं है। प्रश्न उठता है कि सांसद ने फिर ऐसी लापरवाही क्यों कि। यह जानते हुए भी बिना लायसेंस के गाड़ी चलाना यातायात नियमों का उल्लघंन है। ऐसे में यातायात नियमों को पालन करने की दुहाई सरकार क्यों दे रही है। घटना के बाद पुलिस ने ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की।

                    बहरहाल मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है। जैसे की जानकारी मिल रही है कि सांसद ने ऐसे ड्रायवर की तलाश शुरू कर दी है जो ना केवल लायसेंसधारी हो बल्कि बैतलपुर एक्सीडेन्ट के समय गाड़ी चलाने की जिम्मेदारी भी लेने को तैयार हो। क्योंकि पुलिस के अलावा अभी तक किसी को मालूम नहीं है कि उस समय गाड़ी सांसद का पीए राम साहू चला रहा था। जैसे की जानकारी मिल रही है कि ड्रायवर की तलाश लगभग पूरी हो चुकी है। एक्सीडेन्ट कैसे हुआ स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है। छिपाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है कि दुर्घटना के दौरान किसी को चोट नहीं लगी। बल्कि ड्रायवर के प्रयास से दुर्घटना को सस्ते में टाल दिया गया। इसमें पुलिस की भी कृपा शामिल है।

                             फिलहाल लगातार प्रयास से ताबूत के लिए मुर्दा की तलाश पूरी हो चुकी है। घटना के बाद लोगों ने स्थापित कर दिया कि गाडी में सवार किसी को चोट नहीं लगी है। लेकिन मामला कुछ अलग ही है । काशी साहू को कमर में जबरदस्त चोट पहुंची है। काशी साहू दुर्घटना के बाद बिना सहारे बिस्तर से नहीं उठ पा रहे हैं। सांसद को पीठ पर जमकर चोट पहुंची है। जिसे दिखा नहीं पा रहे हैं। तथाकथित ड्रायवर और सांसद पीए राम साहू को भी शरीर में जमकर चोट पहुंची है। बावजूद इसके सांसद पीए के हाथ से स्टेयरिंग नहीं छूट रही है। जानते हुए भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।

close