बिलासपुर कांग्रेस की ट्रायएंगल गुटबाजी…मौके की तलाश करने वालो को मिला मौका..गर्माहट का हुआ अहसास

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बिलासपुर पहुंचे डॉ.चरणदास महंत का कार्यकर्ताओं ने आतिशी स्वागत किया। स्वागत रैली बीच शहर से होकर कांग्रेस भवन तक पहुंची। चार घंटे की रैली में शहरवासियों ने भी नए विधानसभा अध्यक्ष के गर्मजोशी को जाहिर किया। स्वागत कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसा भी देखने को मिला जिसे लोगों ने शायद ही देख पाया हो। जंगी स्वागत कार्यक्रम के दौरान पोस्टर बैनर से लेकर रैली में ऐसे लोग दिखाई दिए जिनकी सक्रियता पहले के दो स्वागत समारोह में कम देखने को मिली थी। मजेदार बात है कि कार्यक्रम में ऐसे लोगों को हाथ गर्म करने का भी मौका मिल गया।

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                           कांग्रेस को पूरे पन्द्रह साल बाद छत्तीसगढ़ सरकार बनाने का मौका मिला। लम्बे इंतजार के बाद ही सही…लेकिन जनता ने कांग्रेसियों का भरपूर साथ दिया। भाजपा सरकार को गिराकर कांग्रेस सरकार की ताजपोशी की। सरकार बनने के बाद जश्न का माहौल आज भी कायम है। शहर शहर गांव गांव में चहेते नेता के पहुंचने के बाद कांग्रेसी जमकर शक्तिप्रदर्शन कर रहे हैं। अपने नेताओं का फूल माला से स्वागत और लड्डू से तौल रहे हैं। प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर में कमोबेश कुछ ऐसा ही दौर चल रहा है। ताजपोशी के बाद नेताओं का लगातार आना हो रहा है। और समर्थक स्वागत के बहाने पिछले स्वागत से बेहतर शक्तिप्रदर्शन कर अपनी उपस्थिति जाहिर कर रहे हैं।

                                                     बताते चलें कि पन्द्रह साल बाद कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ है। देखने में आ रहा है कि वनवास खत्म होने के साथ ही कांग्रेसियों की गुटबाजी का भी इतिहास लौट आया है। सरकार बनने के बाद जब मुख्यमंत्री पहली बार शहर पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यद्यपि सीएम ने पहले ही संदेश दिया था कि कार्यकर्ता सादगी को अपनाएं। बावजूद इसके उत्साही कांग्रेसियों ने सीएम का आतिशी स्वागत किया। इस दौरान कई चेहरे स्वागत सत्कार करने में पीछे छूट गए। ऐसे लोगों की हसरत दूसरे बड़े नेता टीएस सिंहदेव के स्वागत कार्यक्रम में पूरी हुई। इसके बाद बचे लोगों का अरमान जिन्हें टीएस और सीएम भूपेश के कार्यक्रम में खुलकर एक्जपोज होने का मौका नहीं मिला। ऐेसे लोगों ने अपनी इच्छा एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के स्वागत में पूरा किया।

                 इन तीनो बड़े नेताओं के स्वागत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में वही कुछ देखने को मिला। जिसके लिए कांंग्रेस पार्टी चर्चा मेंं रही है। मतलब गुटबाजी बैनर पोस्टर से लेकर फूल माला भेंट और लड्डू तौल में देखी गयी है। जिनका चेहरा और नाम सीएम के स्वागत के समय बैनर पोस्टर में नहींं दिखा उन्हें टीएस बाबा के स्वागत वाले बैनर-पोस्टर मेंं मिला। जिन्हें दोनों मेंं नहीं मिला उन्होने विधानसभा अध्यक्ष के स्वागत टीम में अपना नाम शामिल करा लिया। दिलचस्प बात है कि बिलासपुर के कुछ बड़े कांंग्रेसियों के चेहरों को छोड़ दें तो हर बार नए चेहरे रैली और पोस्टरों मे नजर आए। मतलब इस बार दो गुट के वजाय सरकार बनते ही बिलासपुर कांंग्रेस में गुटबाजी का ट्राएंगुलर गुटबाजी का नजारा देखने को मिला। यद्यपि इस बात को विधानसभा अध्यक्ष ने बिलासपुर प्रवास के दौरान मानने से इंकार कर दिया है।

                                बताते चलें कि कांग्रेसियों ने स्वागत के बहाने अपने नेता के नजर में आने के लिए जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। विधानसभा अध्यक्ष के स्वागत के बाद यह भी जानकारी मिली कि कई नेताओं ने स्वागत के खेल अपना हाथ जमकर हाथ गर्म किया। कुछ को इसकी जानकारी बाद में हुई। ऐसे लोग अपने भाग्य को कोसते रहे। उन्हे अपने आप पर विश्वास नहीं हुआ कि आए हुए मौका छूट कैसे गया। बावजूद इसके उन्हें इस बात की जरूर खुशी मिली कि एक दो नहीं तो तीसरे खेमा का आशीर्वाद उनके साथ है। हाथ गर्म इस बार नहीं हुआ तो कोई बात नहीं..हाथ गर्म करने का मौका आज नहीं तो कल मिल जाएगा।  कुछ खांटी कांग्रेसियों ने बताया कि मौका तो मिलेगा…जिसे अब नहीं मिला उसे कल मिलेगा। लेकिन ट्राएंगुलर गुटबाजी कांग्रेसी सेहत के लिए ठीक नहीं है।

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