बिलासपुर में चल रहा भाजपा वर्सेस भाजपा का खेल

Chief Editor
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bjp kamal                ( शशि कोन्हेर )

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बिलासपुर. ।अगर यह कहें कि बिलासपुर में इस समय भाजपा का कोई माई बाप नहीं है ! तो  लोगों को आश्चर्य लग सकता है । यह भी हो सकता है कि कई लोग  ऐसा कहने वाले को इसलिये हाफ मेड या सरका बताने की कोशिश करें ,क्योंकि भाजपा ने बीते  समय में बिलासपुर में सभी चुनाव फिर वो लोकसभा का हो, विधानसभा, जिला पंचायत का या फिर महापौर का चुनाव हो, सभी न केवल जीते वरन रिकार्ड मतों से जीते । लेकिन अफसोस कि इन चुनावों में पार्टी को रिकार्ड तोड जीत दिलाने वाले नेताओं में से अनेक बीते कुछ समय से परस्पर गुटीय अथवा व्यक्तिगत लडाई में बिधुन हैं। य़दि पार्टी के दिग्गजों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में परस्पर विद्वेष की यह संक्रामक बीमारी खतरनाक केन्सर में बदल सकती है । जिले के लोग बीते कुछ अर्से से तीन प्रमुख संस्थाओं यथा जिला पंचायत, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक और बिलासपुर नगर निगम में पार्टी के लोगों की आपसी लडाई का तमाशा मुफ्त में देख रहे हैं । जिला पंचायत में भाजपा के अध्यक्ष श्री दीपक साहू के खिलाफ भाजपा के ही जिला पंचायत सदस्यों की बगावत के कारण पार्टी की स्थिति हास्यास्पद होती जा रही है । यहां अध्यक्ष द्वारा आहूत बैठक का भाजपाई जिला सदस्यों के द्वारा ही बायकाट किया जा रहा है । इससे पार्टी की सार्वजनिक रूप से भद पिट रही है । भाजपा के नाराज जिला सदस्य अपने ही जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक साहू का खुलकर विरोध कर रहे हैं।

कुछ ऐसी ही हालत नगर निगम में भी है । वहां  बिलासपुर के इतिहास में रिकार्ड तोड पैंतीस हजार मतों से महापौर का चुनाव लडने जीतने वाले भाजपा के श्री किशोरराय को अपनी ही पार्टी के नेता और दूसरी बार निगम के सभापति बने, श्री अशोक विधानी और उनके पीछे लामबंद हुए भाजपा पार्षदों का जबरदस्त विरोध  झेलना पड़ रहा है । श्री विधानी और महापौर के बीच की रस्साकशी तो अब इस हद तक चर्चित हो चुकी है कि रोज किसी ने किसी दैनिक समाचार पत्र में इसकी खुली चर्चा देखने को मिल रही है । कहा जा रहा है कि महापौर चुनाव में श्री किशोर राय की रिकार्ड पैंतीस हजार मतों से जीत को खुद उनकी ही पार्टी वाले पचा नहीं पा रहे हैं और वे अंदर ही अंदर उनका कद छोटा करने की साजिशों में लगे हुए हैं । महापौर और सभापति तथा उनके समर्थक पार्षदों की इस लडाई में निगम का कामकाजी माहौल पूरी तरह खराब हो चुका है । अफसरों की मौज हो गयी है । यह बात अत्यंत चिंता जनक है कि स्थानीय मंत्री के द्वारा कई बार समझाईश के बावजूद महापौर और सभापति के बीच का पानीपत थमने का नाम नहीं ले रहा है । रोज-रोज की इस चिखचिख से पार्टी की कितनी भद हो रही है, इसकी चर्चा चौक चौराहों पर आम हो चुकी है । भाजपा की अनुशासित पार्टी की छवि पर बट्टा लगाने काम बिलासपुर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक में भी हो रहा है । बिलासपुर,कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में किसानों पर खासी पकड रखने वाले इस बैंक की चौधराहट हासिल करने को लेकर भाजपा नेताओं की लडाई इतनी अधिक आत्मघाती साबित हुई कि इसमें अध्यक्ष पद के सभी दावेदार भाजपाई दूसरे के घर को आग लगाने में ऐसे भिडे कि खुद अपने ही आशियाने का आग की लपटों से बचा नहीं पाये ….।  यहां कांग्रेस की उदासीनता से बैंक अध्यक्ष की कुर्सी पर भले ही भाजपा समर्थित कोई व्यक्ति ही आसीन होगा लेकिन सहकारिता के क्षेत्र में पार्टी की फसल को खाद पानी की उम्मीदें दम तोड चुकी होंगी । बिलासपुर शहर ,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक के साथ ही प्रदेश के कद्दावर और अजेय नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल का होम टाउन है़ ।  लेकिन लोग यही पूछ रहे हैं कि इन दोनों दिग्गजों की मौजूदगी के बावजूद जिले मचा भाजपा वर्सेज भाजपा का घमासान आखिर रूक क्यों नहीं पा रहा है ?

 

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