बिलासपुर में 4 खनिज खदानों की ई-नीलामी

Shri Mi
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images (1)रायपुर। सीमेंट ग्रेड के चूना पत्थरों और सोने की खदानों की देश में प्रथम ई-नीलामी का परचम लहराने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने आज गौण खनिजों की 14 खदानों की भी ई-नीलामी हो गई साथ ही संबंधित खदानों को आवंटित भी कर दिया गया। ये खदानें रायपुर, राजनांदगांव, बलौदाबाजार और बिलासपुर जिलों की हैं, इनमें गिट्टी, बोल्डर और ईट-मिट्टी के लिए उत्खनी पट्टा मंजूर करने की कार्रवाई ई-नीलामी के जरिये पूरी की गई।

             
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                                खनिज साधन विभाग की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गौण खनिज खदानों की सफल ई-नीलामी पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। खनिज साधन विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि केन्द्र सरकार ने जनवरी 2015 में खनिज अधिनियम में व्यापक संशोधन कर खदानों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए करने का फैसला लिया था,जिससे खनिज संसाधनों के आवंटन में पारदर्शिता, शीघ्रता और खनन प्रक्रिया से मिलने वाले मुनाफे में राज्यों की बेहतर हिस्सेदारी सुनिश्चित की जा सके।

                            इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार ने गौण खनिज नियमों में 23 मार्च 2016 को संशोधन किया और गौण खनिज खदानों की ई-नीलामी के लिए प्रावधान किए गए। इस प्रक्रिया में ऑनलाईन टेंडर मंगाए गए।मिले ई-टेंडरों के हिसाब से राजनांदगांव जिले में तीन साधारण पत्थर खदानों के पट्टों के लिए सबसे ज़्यादा बोली मिली। इनके लिए रिजर्व प्राईज 20 रूपए 60 पैसे प्रति घनमीटर के विरूद्ध 83 रूपए 77 पैसे प्रति घनमीटर की अधिकतम बोली मिली। रायपुर जिले में पांच, बलौदाबाजार जिले में दो और बिलासपुर जिले में चार गौण खनिज खदानों की ई-नीलामी भी पूरी हो गई।

                                बता दें कि केन्द्र सरकार की नई खनिज नीति के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के एमएसटीसी पोर्टल में राज्य के गौण खनिज ब्लॉको के लिए पिछले महीने निविदा आमंत्रण सूचना (एनआईटी) जारी की गई थी। राज्य शासन के खनिज साधन विभाग की वेबसाइट पर भी यह सूचना जारी की गई थी।

                                  ऑनलाईन बोली लगाने की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर तय की गई थी। राज्य की 14 गौण खदानों के लिए 50 से ज्यादा निविदाकर्ताओं द्वारा ऑनलाईन टेंडर दिए गए थे। विभाग ने एक महीने से भी कम समय में पारदर्शी तरीके से इन खदानों का आवंटन सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया, जबकि पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल का समय लगता था।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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