बिलासपुर मे फायर स्टेशन और महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्त

cgwallmanager
6 Min Read

mohaleरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार है:-

Join Our WhatsApp Group Join Now
  •    नजरी आंकलन में 50 पैसे या उससे कम आनावारी वाले 17 तहसीलों को सूखाग्रस्त करने का निर्णय। इन्हें मिलाकर राज्य में अब सूखाग्रस्त तहसीलांे की संख्या 110 हो जायेगी। इसके पहले 15 सितम्बर, 2015 की मंत्रि-परिषद की बैठक में 150 से 93 तहसीलोें को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया गया था। आज जिन 17 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का फैसला किया गया उनमें, जिला बेमेतरा के अंतर्गत बेरला, बेमेतरा, जिला कवर्धा के अंतर्गत कवर्धा, बोड़ला, सहसपुर लोहारा, पंडरिया, जिला जांजगीर-चांपा में बलौदा, जिला बस्तर में जगदलपुर और बकांवड, जिला कोंडागांव में तहसील कोंडागांव, जिला कांकेर में कांकेर, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल, अंतागढ़ और चारामा तथा जिला नारायणपुर में ओरछा शामिल है। यह प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाएगा । इन्हंे मिलाकर सभी 110 तहसीलों में किसानों और ग्रामीणों की मददके लिए लगभग 4 हजार करोड़ रूपए के राहत पैकेज का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
  •  खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि 16 नवम्बर, 2015 से 31 जनवरी, 2016 तक निर्धारित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

 छत्तीसगढ़ शासन के कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते की दर दिनांक 1 जुलाई 2015 से 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब यह 113 प्रतिशत से बढ़कर 119 प्रतिशत हो गया है। इसमें राज्य शासन पर लगभग 400 करोड़ रूपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।

amar

  • छत्तीसगढ़ में अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाये तथा राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) की स्थापना का निर्णय लिया गया।  राज्य शहरीकरण की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है। रायपुर, नया रायपुर, दुर्ग, भिलाई और बिलासपुर प्रमुख शहरी केन्द्र के रूप में विकसित हो रहे है। आगामी दशकों में शहरी आबादी बहुत तेजी से बढ़ने की संभावना है। शहरों में भवनों का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। इसे देखते हुए राज्य में एक सुदक्ष अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवायें तथा राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) की स्थापना की जरूरत महसूस की जा रही थी। आज इसका अनुमोदन किया गया। अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं को चरणबद्ध ढंग से शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत वर्तमान में उपलब्ध अग्निशमन कर्मचारियों, नगर सैनिकों और राज्य आपदा प्रबंधन बल को एक कमान (छत) के नीचे लाया जाएगा। फायर स्टेशनों के लिए सभी 27 जिलों में जमीन का चयन किया जाएगा। प्रथम चरण में (पहले वर्ष में) 10 जिलों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़ और कोरिया में ए और बी श्रेणी के दस फायर स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। दूसरे चरण में (दूसरे और तीसरे वर्ष में) शेष 17 जिलों में फायर स्टेशन स्थापित किये जाएंगे।
  •  108 संजीवनी एक्सप्रेस के MOU के नवीनीकरण की अवधि 31.10.2015 को समाप्त हो गई है जिसे मंत्रि-परिषद के पूर्व निर्णय दिनांक 09 जून, 2015 के अनुरूप 31 मार्च, 2016 तक बढ़ाने का निर्णय आज की बैठक में लिया गया।
  •   मंत्रालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में सीमित विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाने वाले सहायक ग्रेड-1 के 25 प्रतिशत पद निरंतर रिक्त बने हुए है, इस परिस्थिति को देखते हुए आज की बैठक में मंत्रालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में सहायक ग्रेड-1 के पद को 100 प्रतिशत सहायक ग्रेड-2 के कर्मचारियों की पदोन्नति से भरने का निर्णय लिया गया।
  •  राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन (नेशनल मिशन ऑन फुड प्रोसेसिंग) योजनाओं को कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2012 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन के नाम से सम्मिलित करने और संचालित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना (खाद्य प्रसंस्करण योजना) तैयार की गई है। चूंकि खाद्य प्रसंस्करण की योजना कृषि , उद्यानिकी और दुग्ध प्रसंस्करण से सीधे जुड़ी हुई योजना है। अतः इसका सीधा लाभ किसानों और उद्यमियों को मिलेगा और रोजगार और स्व-रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित होंगे।    इसमें चार योजनाओं को राज्य शासन द्वारा क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया । इनमें 1. खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के तकनीकी उन्नयन, स्थापना और आधुनिकीकरण के लिए पूंजी लागत अनुदान 25 प्रतिशत के हिसाब से अधिकतम 50 लाख रूपए दिया जाएगा। 2. कोल्ड चेन, मूल्य संवर्द्धन एवं संरक्षण, अधोसंरचना विकास (उद्यानिकी एवं गैर उद्यानिकी क्षेत्र) हेतु पूंजी लागत अनुदान 35 प्रतिशत के हिसाब से अधिकतम 5 करोड़ एवं ब्याज अनुदान छह वर्ष तक अधिकतम 2 करोड़ रूपए दिया जाएगा। 3. ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र/संग्रहण केन्द्रों की स्थापना के लिए पूंजी लागत अनुदान 50 प्रतिशत के हिसाब से अधिकतम 2 करोड़ 50 लाख रूपए दिया जाएगा। 4. रीफर वाहन योजना के तहत पूंजी लागत अनुदान 50 प्रतिशत के हिसाब से अधिकतम 50 लाख रूपए होगा।
close