बीईओ की पोस्टिंग पर उठ रहे सवाल,कई व्याख्याताआ भी बनाये गए बीईओ

Shri Mi
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सुरजपुर–  स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी  खंड शिक्षा अधिकारियों की जंबो लिस्ट में अनेक विसंगतियां होना बताया जा रहा है। यह विवादो के द्वार में खड़ी है।  विगत दिवस पूर्व छ.ग.शासन द्वारा जारी बीईओ की ट्रांसफर सूची में विभिन्न विकास खंडों में कार्यरत अधिकांश खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कुलो में उनके मूल पद प्राचार्य पर कार्य करने के लिए वापस भेज दिया गया….!
विभाग के इस फैसले के पीछे शिक्षा गुणवत्ता अभिवृद्धि को कारण बताया जा रहा है ! लेकिन इसके ठीक उलट शालाओं में विभिन्न विषयों का अध्यापन कार्य कराने के लियेे  नियुक्त किए गए अनेक व्याख्याताओं को  कई ब्लाक में खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर पूर्णकालिक पदांकन कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग भर्ती पदोन्नति नियम हेतु जारी राजपत्र  2019 में स्पष्ट रूप से लेख है। कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी पदोन्नति का पद है। जो शासन द्वारा निर्धारित  प्रतिशत अनुसार सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारियों एवं प्राचार्य द्वितीय श्रेणी सवर्ग (5 वर्ष अनुभव )के द्वारा भरा जाएगा।
इसके विपरीत 118 विकास खंड शिक्षा अधिकारियों की तबादला में सूची में दो दर्जन  से ज्यादा व्याख्याताओं को विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया है।
तबादला सूची में विभाग के सेटअप के विरुद्ध  व्याख्याताओं को धड़ल्ले से फुलफ़्लैश बीईओ पोस्टिंग दे दी गई है, ऐसे व्याख्याताओं के अधीन विकासखंडों के प्राचार्य व अन्य अधिकारी काम करेगे।सूची में एक मात्र सहायक खंड शिक्षा अधिकारी को बीईओ बनाया गया है।
जिला पंचायतो में भी डीपीसी  के पदों पर अधिकांश जगहों पर व्याख्याता एवं प्राचार्यो की पोस्टिंग गई है। तबादला सूची को लेकर व्यथित अनेक प्राचार्य/बीईओ न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में है।
विभाग द्वारा जारी सूची में हद तो तब हो गई जब कोटा बी ई ओ श्री पटेल एवं मुंगेली बीईओ  डॉ प्रतिभा मंडलोई दोनों को बीईओ पद से हटाते हुए एक ही शाला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करगी कला विकासखंड कोटा में प्राचार्य के पद पर तबादला आदेश जारी किया गया है।एक ही पद पर दो लोगो का आदेश जारी किया जाना मात्र टंकण त्रुटि नही कही जा सकती है।
शिक्षकों के तबादले में मनमर्जी के बाद शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण में भी स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा मनमाने फैसला लिए जाने से अधिकारियो कर्मियों में भी उहापोह की स्तिथि है।कल सीएम भूपेश बघेल से मिलकर कुछ विधायकों ने भी यह शिकायत की थी कि पैसा नहीं दिए जाने पर शिक्षा मंत्री के विभाग में उनके रिश्तेदारों का भी ट्रांसफर में अनदेखी की जा रही है।
By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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