बुधवारी बाजार पर रेलवे की गाज

BHASKAR MISHRA
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railwaal_picasa- Copyबिलासपुर—शहर के सबसे पुराने व्यासायिक मंडी बुधवारी बाजार को हटाने की कवायद रेलवे प्रशासन ने शुरू कर दी है। रेलवे प्रशासन ने व्यापारियों को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। स्वेच्छा से दुकान नहीं हटाने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी है। व्यापारियों में गहरा अक्रोश है।

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                         बुधवारी बाजार बिलासपुर की सबसे पुरानी व्यापारिक मंडियों में से एक है। रेलवे प्रशासन ने व्यापारियों को 15 दिनों के भीतर स्थान खाली करने का आदेश दिया है। दुकानदारों को नोटिस जारी किया जा चुका है। रेलवे वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधन रश्मि गौतम ने बताया कि जिन्हें लीज दी गई थी वे अब दुबारा दुकान नहीं लगा सकते हैं। कुछ ने तो दुकानों को बेच दिया है। रेलवे के नियम अनुसार ऐसे लोगों का नवीनीकरण नहीं किया जा सकता। सभी 631 दुकानों की लीज खत्म हो चुकी है। नोटिस जारी कर खाली कराने का निर्णय लिया गया है।

                       दूसरी ओर बुधवारी बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश छाबड़ा का कहना है कि दुकानें उनके पिता और अन्य को दी गई थी। जिनके हम वारिस होते हैं। रेलवे प्रशासन ने एक दुकान को छोड़कर सभी दुकानों को अवैध माना है। वह भी अपने एक बाबू को फायदा पहुंचाने के लिए। एमपी स्पोर्टस  दुकान रेलवे के बाबू ए के चौहान का था। जिसे सुनील बेनर्जी को दिया गया है। इसी एक दुकान को रेलवे ने वैध माना है।

                      छाबड़ा ने कहा कि पिछले महीने बैठक के दौरान रेलवे ने दुकानों की लीज का नवीनीकरण करने का निर्णय लिया था। जिसमें से केवल एक ही दुकान का रिनिवल किया गया। अगर रेलवे प्रबंधन अपने निर्णय को वापस नहीं लेता है तो सर्वदलीय कमेटी बना कर रेलमंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर व्यापारी अपनी मांगों को रखेंगे। अगर हमारी मांगों को नहीं माना जाता है तो रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। छाबड़ा ने बताया कि हमारी दुकानो को रेलवे ने लीज पर नहीं दिया है। हम लायसेंसधारी हैं।

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