बुरा फंसा आरआई….सरकारी जमीन पर बेटी का कब्जा….ठण्डे बस्ते में बेदखली आदेश

BHASKAR MISHRA
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  tehsil-bspबिलासपुर— मेड़ ही खेत को निगलना शुरू कर दे…तो किसान की क्या हालत होगी…जरा सोचिए…। यह कहावत बिलासपुर के नजूल आरआई पदुमलाल पाटनवार की बेटी पर सटीक बैठती है। नजूल विभाग के  कर्मचारी ने बेटी के नाम सरकारी जमीन का पट्टा बना लिया है। बेदखली आदेश के बाद भी तहसील के अधिकारी बेदखल करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। पदुमलाल पाटनवार की माने तो एक तरफा कार्रवाई है। देखता हूं कौन बेदखल करता है..तहसील के निर्णय के खिलाफ अपील करूंगा।

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                     मामला रमतला और सेंदरी के बीच सरकारी जमीन पर बेजाकब्जा का है। नजूल कर्मचारी पदुमलाल पाटनवार की बेटी ने करीब पांच एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। जमीन पर बाड़ भी लगा दिया गया है। जिसके चलते लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। बगल में ही एक स्कूल है। स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को लम्बा फासला तय करना पड़ता है।

                                  दस्तावेजों के अनुसार ज्योति पाटनवार ने रमतला की पांच एकड़ सरकारी जमीन पर जबरदस्ती कब्जा है। बताया जा रहा है कि ज्योति पाटनवार का पिता शासन में अच्छी पकड़ रखने वाले हैं। पदुमलाल कुछ साल पहले लिंगियाडीह के नामचीन पटवारी हुआ करते थे। इन दिनों नजूल में आरआई हैं।

स्थानीय लोगों ने की शिकायत

           रमतला के स्थानीय लोगों ने दिसम्बर 2016 में तहसीलदार,एसडीएम और कलेक्टर से लिखित शिकायत की थी। ज्योति पाटनवार पिता पदुमलाल पाटनवार ने रमतला स्थित करीब पांच एकड़ सरकारी जमीन पर बेजाकब्जा कर लिया है। कलेक्टर और एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार,आरआई और पटवारी ने जांच में आरोपो को सही पाया। रिपोर्ट के बाद तहसीलदार ने बेजाकब्जा हटाने का आदेश जारी किया। बावजूद ज्योति पाटनवार सरकारी जमीन पर अंगद की पांव की तरह जमी हैं।

                 सूत्रों की माने तो बेजाकब्जा नहीं हटने की मुख्य वजह ज्योति पाटनवार किसी पार्टी की नेता है। पिता नजूल में आरआई हैं। दोस्ती और अच्छी पकड़ के कारण तहसील कर्मचारी आरआई के खिलाफ बेजाकब्जा कार्रवाई से बच रहे हैं।

पाटनवार ने कैसे किया कब्जा

                    दस्तावेजों के अनुसार जिस सरकारी जमीन पर पदुमलाल पाटनवार की बेटी का कब्जा है…। ज्योति की जमीन से लगी बहुत सारी सरकारी जमीन है। खसरा नम्बर 1361 की पांच एकड़ सरकारी जमीन पर ज्योति काबिज है। जबकि ज्योति पाटनवार पिता पदुमलाल पाटनवार की 9 डिसिमिल नम्बरी जमीन खसरा नम्बर 1355 में है। 1355 की कुल नम्बरी जमीन 85 डिसिमल है। इसमें कमलेश कश्यप और श्रीकांत साव की 38-38 डिसिमिल जमीन है। ज्योति की 9 डिसिमिल जमीन से लगी दशमलव 65 डिसिमिल जमीन सरकारी है। सरकारी जमीन से लगी कुछ दूसरे लोगों की नम्बरी जमीन है। जिस पर मकान बना हुआ है। बाड़ लगने से पहले लोगों का आना जाना सरकारी जमीन से हुआ करता था। लेकिन ज्योति ने उस पर भी कब्जा कर लिया है।

                                ज्योति पाटनवार आरआई पिता पदुमलाल पाटनवार ने धीरे से खसरा नम्बर 1361 की पांच एकड़ जमीन पर भी कब्जा कर लिया। जमीन को बाड़ से घेर भी दिया। जिसके चलते आस पास के लोगों परेशानी हो रही है। IMG20170609134651

             शिकायत कर्ता रामगोपाल साहू, यशवन्त दान ने बताया कि रास्ता बंद होने से स्थानीय लोगों, किसानों और व्यवसाइयों को परेशानी हो रही है। हमने सरकारी जमीन पर अतिक्रण के खिलाफ कलेक्टर,एसडीएम और तहसीलदार से शिकायत की थी। शिकायत को सही पाया गया। लेकिन अभी तक  बेजाकब्जा को नहीं हटाया गया।

                        शिकायतकर्ताओं के अनुसार पदुमलाल पाटनवार रसूखदार आरआई है। जमीन का दांव पेंच अच्छी तरह से जानता है। पदुमलाल ने तहसीलदार से सांठ गांठ कर लिया होगा। यही कारण है कि अभी तक बेदखली की कार्रवाई नहीं हुई। बेदखली का आदेश 12 जनवरी 2017 के पहले का है।

आदेश का किया जाएगा पालन

                          अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल ने बताया कि बेदखली का आदेश मिला है। आदेश का पालन किया जाएगा। पहले भी आदेश हो चुका है। विभागीय व्यस्तता के बाद भी आदेश पर अमल किया जाएगा। ज्योति पाटनवार को सरकारी जमीन से बेदखल किया जाएगा।

बेदखली आदेश का असर नहीं

                         आरआई के सीमांकन और पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर 12 जनवरी 2017 को तत्कालीन तहसीलदार देवी सिंह उइके ने बेदखली का आदेश माल जमीदार को दिया था। आदेश के अनुसार खसरा नम्बर 1356 और 1361 पर ज्योति पाटनवार पिता पदुमलाल पाटनवार से सरकारी जमीन खाली कराया जाए। बेदखल नहीं किये जाने की सूरत पर माल जमादार को कहा गया कि सरकारी जमीन से ज्योति पाटनवार की सभी सम्पत्ति को जब्त कर कोर्ट में किया जाए। बावजूद इसके अभी तक बेदखली की कार्रवाई नहीं हुई।

रसूख का कमाल

                       आदेश पर अमल किया गया या नहीं…फिलहाल यह बताना मुश्किल है। लेकिन लोगों का कहना है कि आदेश पर कार्रवाई हुई ही नहीं। वर्तमान तहसीलदार देवी सिंह उइके को भी इसकी जानकारी है। बावजूद इसके कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं है। क्योंकि ज्योति पाटनवार के पिता पदुमलाल पाटनवार का अधिकारियों से अच्छे संबध है। इसलिए आदेश को शायद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। देखने वाली बात होगी कि अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल बेदखली के आदेश को किस तरह अमल में लाते हैं। यह जानते हुए भी कि पदुमलाल ने बेदखली के खिलाफ अपील करने का पूरा मन बना लिया है।

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