बिलासपुर—-यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनिंयस ने मंगलवार को दिन भर के कामकाज के बाद बैंक ऑफ इंडिया मंगला शाखा के सामने एकत्रित होकर आईबीए के खिलाफ आक्रोष जाहिर किया। बैंकरों ने बताया कि आईबीए के अड़ियल रैवये से नाराज देश के आर्थिक सिपाही सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हैं।
यूनाइटे़ फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक ललित अग्रवाल ने बताया कि 1 नवम्बर 2017 से देय 11वे वेतन समझौते पर सम्मानजनक बातचीत नही होने से देश के बैंकरों में नाराजगी है। मंगलवार को सभी बैंकर दिनभर बैंकिंग कामकाज के बाद शाम 6 बजे बैंक ऑफ इंडिया, मंगला शाखा के सामने एकत्रित होकर आक्रोष जाहिर किया है।
ललित अग्रवाल ने बताया कि 28 माह से अधिक समय मे आईबीए और बैंक कर्मचारियों के संगठन के साथ 28 दौर की वार्ता हुई। लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात साबित हुए। आईबीए ने कुल व्यय के मूल वेतन में केवल 2% प्रस्तावित बढ़ोतरी और जायज मांगों की ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा है। हम लोगों की मांग है कि सम्मानजनक वेतन वृद्धि, पांच दिनों का कार्यसप्ताह, निर्धारित कार्यावधि, पेंशन और फैमली पेंशन में सुधार किया जाए।
लगातार प्रयास के बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर सभी बैंकर 20 जनवरी से आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर हैं। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले देश के दस लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी पिछले 31 जनवरी और 1 फरवरी को हड़ताल पर थे। आगामी 11,12 व 13 मार्च को तीन दिनों के लिए और 1 अप्रेल से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
ललित अग्रवाल ने बताया कि वर्क टू रूल चालू रहने के कारण देश के चार लाख बैंक अधिकारी प्रबंधन से अतिरिक्त सहयोग वापस लेते हुए अवकाश पर कार्य नही करने का निर्णय लिए हैं।
प्रदर्शन में ललित अग्रवाल, एनवी राव, राजकुमार शर्मा,डी के हाटी, सत्येन्द्र सिंह, जितेंद्र शुक्ला, अशोक ठाकुर, रूपम रॉय, सौरभ त्रिपाठी, मनोज मिरी, प्रल्हाद अग्रवाल, विजय, आशुतोष समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्मचारी और अधिकारी उपस्थित रहे। प्रदर्शनकारियों ने आगामी 11,12 व 13 मार्च को पुनः हड़ताल, होली और अन्य अवकाशों से 6 दिन लगातार बैंक बंद रहने से आम जनता को होने वाली असुविधाओं के लिए खेद जाहिर किया।