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रायपुर।लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक तरफ जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर बीते पांच सालों में लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धि गिनवाई वहीं विपक्ष और यूपीए पर जमकर निशाना साधा. फेसबुक पर लिखे अपने ब्लॉग में अरुण जेटली ने लिखा कि कांग्रेस के फर्जी अभियान की हवा सिर्फ एक दिन में निकल गई है. उन्होंने आगे लिखा है कि मैं कई बार इस बात का जिक्र कर चुका हूं कि सच और झूठ के बीच मूलभूत अंतर यह होता है कि सच्चाई हमेशा एक साथ रहता है जबकि झूठ अलग-अलग हो जाता है. हर फर्जी अभियान एक समय के बाद खुद का ही विरोधी हो जाता है और अंतत: सच्चाई सामने आ जाती है. चाहे वो चुनावी परिणाम हो या फिर न्यायिक व्यवस्था का कोई फैसला ही क्यो न हो।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
हिंदू आतंक’ का शातिर सिद्धांत
हिंदू आतंकवाद का शातिर सिद्धांत यूपीए के शासनकाल में गढ़ा गया और इसे बढ़ाने का काम उस वक्त के मंत्रियों और नेताओं ने किया. यह सिद्धांत जिहादी आतंकवाद से ध्यान हटाने के लिए गढ़ा गया और अपनाया गया था. यह साजिश आतंकवाद पर भारत के उदार प्रवृत्ति वाले बहुसंख्यक लोगों को एक बुरा नाम देने के लिए रची गई थी. हिंदू सभी को अपने समतुल्य समझते हैं. यह बातें अरुण जेटली ने समझौता एक्सप्रेस धमाके में स्वामी असीमानंद को फंसाये जाने को लेकर लिखी जिन्हें एनआईए कोर्ट ने हाल ही में इस केस में बरी कर दिया है।
Three Fake Campaigns Busted in a Single Day https://t.co/yLAHH6CX66
— Arun Jaitley (@arunjaitley) March 21, 2019
गोधरा कांड 2001
वहीं जेटली ब्लॉग के दूसरे हिस्से में गोधरा कांड का जिक्र करते हुए लिखा है कि साल 2001 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को आग पूरे राज्य में सामाजिक और सांप्रदायिक सदभाव को तनाव में बदलने के लिए लगाई गई थी. इस केस के आरोपियों को पहचान लिया गया था और उनके खिलाफ कई सबूत भी मौजूद थे. आरोपियों को अलग-अलग समय पर पकड़ा भी गया. इनपर चार्जशीट हुए और इनके जमानत की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट तक ने खारिज कर दिया. पहले ही कई आरोपियों को दोषी करार दिया जा चुका है और कई आरोपियों को हाल ही में ट्रायल के दौरान दोषी करार दिया गया है. वहीं इस मामले में यूपीए सरकार ने सबसे गैर जिम्मेदाराना कृत्य किया और उस वक्त रेल मंत्री रहे लालू यादव ने इस मामले में बिना भारत के चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के जज श्री यू एन बनर्जी से परामर्श लिए रेलवे आयुक्त को इस मामले की जांच के लिए चुन लिया. एक रिपोर्ट पेश की गई थी जिसमें कहा गया था कि आग उस डब्बे के अंदर लगी थी जहां हिंदू तीर्थयात्री मौजूद थे. मैं यूपीए सरकार और उस वक्त के प्रधानमंत्री पर इस जघन्य अपराध को कवर करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने को जघन्य अपराध मानता हूं. एक दिन पहले ही कोर्ट ने सभी सबूतों को खारिज करते हुए एक और आरोपी को दोषी ठहरा दिया.
नीरव मोदी की गिरफ्तारी
वहीं ब्लॉग के तीसरे हिस्से में जेटली ने भगोड़े नीरव मोदी के मामले का जिक्र करते हुए यूपीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि नीरव मोदी ने 2011 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखा देना शुरू किया था. यह एक निरंतर अपराध था. उसके अपराध का पता 2018 में चला. वर्तमान सरकार के तहत बैंकों और जांच एजेंसियां ने उनकी संपत्तियों को कुर्क किया है और उसकी नीलामी की जा रही है. उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है, बैंकों और लेनदारों पर बकाया वसूली की कार्रवाई की जा रही है. उस पर आरोप है कि वह एक क्षेत्राधिकार से भाग गया था. यह हमारी जांच एजेंसियों का ही कमाल है कि हम उसका पीछा करते हुए उस तक पहुंच गए. हमारे अनुरोध पर, उन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है और जमानत भी नहीं दी गई. उसके खिलाफ एक मजबूत मामला चल रहा है और उम्मीद है कि उसे जल्द भारत वापस लाया जाएगा. जो कोई भी भारत और उसके संस्थानों को धोखा देता है वह अब भागकर दूर नहीं जा सकता. उसका पता लगाया जाएगा. केवल नकली मुद्दों पर भरोसा करने में एक अंतर्निहित खतरा है. वे टूट गए और गिर गए है, जैसा कि कल उनमें से तीन ने किया था. मुझे उम्मीद है कि नकली अभियान के निर्माता कुछ सबक सीखेंगे.