बिलासपुर—भगवान का नाम जीवन का सबसे बड़ा आधार है। हर युग गवाह है कि जब जब मानव,जीवजन्तुओं और संतो पर अत्याचार हुआ है। तब तब ईश्वर अपनी संतानों के लिए भू लोक पर आना पड़ा है। यह बातें उस्लापुर में आयोजित भागवत कथा के दौरान आचार्य अनिल शर्मा ने आसंदी से कही।
उसलापुर में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। लोगों ने भगवान की लीला सुनने दूर दूर से पहुंचे। भागवत पीठ से श्रद्धालुओं को पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि जब जब ईश्वर की संतानों पर कष्ट होता है भगवान खुद भू लोक पर आते हैं। अपनी संतानों का कष्ट हरते हैं। पापा का नाश करते हैं। हमारे पुरातन ग्रंध इस बात के गवाह भी है।
पंडित अनिल शर्मा ने भागवत पीठ से कहा कि द्वापर युग में जब कंस, जरासंध जैसे अत्याचारी राजाओं से भगवान के भक्त त्रस्त थे। ऐसे राजाओं के पास से पृथ्वी माता भी त्राहि त्राहि करने लगी। भगवान ने इस बात को महसूस किया। देवी-देवताओं की याचना पर भगवान को भूलोक पर भक्तों की पीड़ा हरने आना पड़ा।
पापियों से परेशान होकर पृथ्वी ने गौमाता का रूप धारण कर भगवान से भार दूर करने का आग्रह किया। भगवान ने मनोकामना को पूरा करने का वचन दिया। वसुदेव और देवकी सुत बनकर भगवान श्री कृष्ण ने अवतार लिया। जरासंध को मरवाया और कंस का वध किया। उसलापुर के आनंदनगर में आयोजित श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए पं.अनिल बोईरपारा वाले ने बताया कि कलियुग में भगवान का नाम ही जीवन का आधार है। भगवान के नाम लेने या सुनने मात्रा से मन को शांति मिलती है। आज दुनिया में भगवान का नाम ही एकमात्र सहारा है।
पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि रोज श्रीकृष्ण नाम का स्मरण करें…रोग दोष और पाप प्रवृति वालों में साहस नहीं कि आस पास भी फटके। कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्म की झांकी निकाली गई। इस दौरान आचार्य गौरीशंकर तिवारी, प्रमुख यजमान छोटेलाल चंद्राकर, प्रेमलता चंद्राकर,संगीतकार भूषण सोनी, नंदकुमार, चंदन चौहान, संतराम,चंद्रकली,नंदराम,रंभा,बाबूलाल,नीरा,गोविंद,गोपाल,सुरेश,रमेश,पुन्नूलाल,राजेश,संतोष,विरेंद्र,सतीश सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।