बिलासपुर— प्रदेश की स्थिति बहुत खराब है। अकाल भी ऐसा कि नदी नाले तालाब सूख गए हैं। बिजली की आपूर्र्ति भी ठीक से नहीं हो रही है। जलस्तर सरकार की तरह बहुत नीचे गिर गया है। किसान परेशान है। मजदूरों के पास काम नहीं है। लोगों के सामने भूख से मरने की नौबत आ चुकी है। बावजूद इसके सरकार गंभीर दिखाई नहीं देती है। यह बातें प्रदेश के पहले वित्त मंत्री रामचन्द्र सिंह देव ने सीजी वाल से कही।
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रामचन्द्र सिंह देव ने कहा कि प्रदेश सरकार धरातल पर कम…दिखावे में ज्यादा ध्यान दे रही है। प्रदेश की जनता भूख के आंतक से परेशान है। जमीन फटने लगी है। प्रदेश के किसान खेती के लिए एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। लेकिन सरकार अकाल क्षेत्र घोषित करने के बाद हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। प्रदेश सरकार में दूरदर्शिता का अभाव है। अकाल ने सरकारी मैनेजमेंट की कलई को खोलकर रख दिया है।
सीजी वाल के एक सवाल पर खेद जाहिर करते हुए रामचन्द्र सिंह देव ने कहा कि कहां काम हो रहा है। मुझे बताएं। सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिए अभी तक ऐसा क्या प्रयास किया है। जिससे किसानों और गरीबों को राहत मिल सके। कम से कम मुझे तो जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसा कह रही है तो वह सरासर झूठ है। अभी भी अकाल क्षेत्रों की सूची को भेजा गया है। ऐसे में सहायता और राहत की बात करना गले से नहीं उतरता है। सिंहदेव ने कहा कि अब तक राहत कार्य शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। अभी प्रपोजल को स्वीकृत नहीं मिला है। सरकार का कहना कि राहत काम शुरू हो गया है। मुझे उनकी सोच पर तरस आती है।
किसान 12 महीना कैसे काटेगा।सोचकर सिहर उठता हूं। सिंहदेव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने जरूर प्रति एकड़ के हिसाब से सूखा राहत देने का एलान किया है। छत्तीसगढ़ में अभी तक ऐसा हुआ ही नहीं। प्रभावितों को काम भी नहीं दिया जा रहा है। इसे बदइंतजामी नहीं तो क्या कहेंगे। सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था बहुत जर्जर है। जिस पर प्रदेश सरकार नाज कर रही है। बांध का केवल पचास प्रतिशत पानी ही खेत तक पहुंचता है। इस ओर डॉ.रमन सिंह ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। नहरों का पानी खेत में पहुचने से पहले ही पचास प्रतिशत लीक हो जाता हैं। पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार का शिकार है। ट्यूबवेल के आंकड़े सही नहीं है। थोड़ा बहुत है भी तो सरप्लस बिजली वाला राज्य अपने किसानों को ठीक से बिजली भी नहीं दे पा रहा है। ऐसे में ट्यूबवेल क्या करेंगे।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केवल 15 प्रतिशत फसल रवि की ली जाती है। 80 प्रतिशत फसल धान का लिया जाता है। प्रदेश की जनता इसी 80 प्रतिशत पर टीकी है। बावजूद इसके उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाना…सरकार की संवेदनहीनता को जाहिर करता है। य़ा फिर अयोग्यता को। सिंहदेव ने कहा की पीडीएस सिस्टम की अवधारणा तो सही है लेकिन काम गलत हो रहा है। 70 लाख कार्ड सरकार ने ही बनाये अब कटौती की जा रही है। जाहिर सी बात है कि कुछ गड़बड़ है। पीडीएस सिस्टम में भी 20 प्रतिशत का घोटाला है।
रामचन्द्र सिंह देव ने सीजी वाल को बताया कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो प्रदेश में इस बार अन्य वर्षों की तुलना में सर्वाधिक पलायन होगा। बल्कि होना शुरू हो गया है। सरकार केवल गाल बजाती रहेगी।