—-अमित जोगी ने प्रदेश सरकार पर छत्तीसगढ़ को बिजली मामले में कंगाल बनाने का आरोप लगाया है। जीरो पॉवर कट वाले राज्य के गांवों में बिजली घंटों गुल रहती है। छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त एक हजार मेगावाट बिजली की जरूरत है। लेकिन मुख्यमंत्री ने एक हजार मेगावाट बिजली तेलंगाना को बेचने का एलान किया है। यह कहां की बुद्धिमानी है।
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
प्रेस नोट जारी करते हुए अमित जोगी ने बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के समय बिजली की कुल मांग 900 मेगावाट थी। उत्पादन 1360 मेगावाट बिजली का होता था। इस कारण छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य कहलाया था। अब मांग 3200 मेगावाट की है। उत्पादन 2800 मेगावाट है ऐसे में यह कैसा सरप्लस बिजली वाला राज्य हुआ।
मरवाही विधायक ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य है। अगर ऐसा है तो बताएं कि मुख्यमंत्री सोलर लैम्प निःशुल्क योजना के तहत एक लाख 83 हजार 314 सोलर एलईडी लैम्प का वितरण क्यों किया गया। यदि सरप्लस स्टेट है और हर घर में बिजली होने के बाद भी सोलर लैम्प वितरण की आवश्यक्ता सरकार को क्यों हुई।
जोगी ने कहा कि आए दिन प्रदेश के बिजली संयंत्रों में खराबी की शिकायतें मिलती है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। बिजली कंपनियों का ऑडिट भी ठीक तरह से नहीं हो रहा है। समय आ गया है कि छत्तीसगढ़ की जनता अधिकारों को लेकर सजग है। ऐसे में भाजपा सरकार को कुंभकर्णी नींद से जागना ही होगा।