भाजपा बागी नेता पूरन छाबरिया को झटका..प्रस्तावक ने फेरा मंसूबों पर पानी…नहीं जमा कर पाए नामांकन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– तमाम जद्दोजहद के बावजूद भाजपा के बागी नेता पूरण छाबरिया नामांकन दाखिल करने में नाकायाब रहे। नामांकन दाखिल होने की वजह खुद पूरण छाबरिया को ही बताया जा रहा है। समय निकल जाने के कारण रिटर्निंग अधिकारी ने नामांकन पत्र लेने से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि अंंतिम समय में नामांकन दाखिल करने पहुंचे…पूरण छाबरिया का प्रस्तावक गेट बंद होने कारण अन्दर नहीं पहुंच सका। बताते चलें कि पूरण छाबरिया को दो दिन पहले नामांकन फार्म लेने के बाद पुलिस ने कलेक्टर परिसर से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने जानकारी दी थी कि छाबरिया के खिलाफ स्थायी वारन्ट जारी है।

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                        भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता पूरण छाबरिया नामांकन दाखिल करने से चूक गए हैं। वजह खुद पूरण छाबरिया को ही बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार पूरण छाबरिया करीब 2 से ढाई बजे के बीच रिटर्निंग अधिकारी के कोर्ट में पहुंचे। तीन बजते ही चुनाव अधिकारी के निर्देशानुसार रिटर्निंग अधिकारियों के दरवाजे बंद कर दिये गए। और प्रस्तावक बाहर ही रह गया। इसकी भनक पूरण को भी नहीं हुई।

                 मालूम हो कि चुनाव आयोग के निर्देशाानुसार सभी प्रतिनिधियों को नामांकन की अंतिम तारीख को ठीक तीन बजे के अन्दर प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने कोर्ट में रहना होगा। इसके बाद किसी को भी अन्दर दाखिल होने नहीं दिया जाएगा। चूंकि शुक्रवार को नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख थी। तीन बजे तक ही आवेदन किया जाना निश्चित था। तीन बजे के बाद कोई भी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने कोर्ट के अन्दर दाखिल नही हो सकता था।

                               जानकारी के अनुसार पूरण छाबरिया कोर्ट के अन्दर करीब दो बजकर 30 मिनट में पहुंचे। ठीक तीन बजे चुनाव अधिकारी के निर्देश पर सभी रिटर्निगं अधिकारियों के दरवाजे बंंद हो गए। जब पूरण छाबरिया नामांकन जमा करने गए तो प्रस्तावक नजर नहीं आया। आनन फानन में छाबरिया साढे तीन बजे गेट के बाहर निकले और प्रस्तावक को खोजना शुरू कर दिया। लेकिन प्रस्तावक को अन्दर दाखिल होने नहीं दिया गया। इस बीच गेट में तैनात अधिकारी और पुलिस के साथ पूरन छाबरिया की सुनी भी हुई। लेकिन प्रस्तावक को अन्दर प्रवेश कराने में पूरण नाकामयाब रहे।

                     अंत में पूरण छाबरिया को चार बजे के बाद रिटर्निग अधिकारी के कमरे से बिना नामांंकन दाखिल किए बाहर आना पड़ा। बताते चलेंं कि पूरण छाबरिया ने स्थानीय मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया था। लेकिन प्रस्तावक ने मंसूबों पर पानी फेर दिया।

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