भारतवाणी से मिलेगी पहचान

BHASKAR MISHRA

IMG_20151223_134615बिलासपुर– विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को क्षेत्रीय स्तर पर भाषाई विविधता और सांस्कृतिक,सामाजिक पहचान को संग्रहित करने का निर्देश दिया है। बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.गौरीदत्त शर्मा ने बताया कि भारत वाणी प्रोजेक्ट के तहत देश की 122 भाषा और 234 बोलियों की विशेषताओं,सांस्कृतिक एतिहासिक गतिविधिय़ों को संग्रहित किया जाएगा। भारत वाणी प्रोजेक्ट से प्रयास बिलासपुर विश्वविद्यालय को देश और विदेश में नई पहचान मिलेगी।

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                                           बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.गौरी दत्त शर्मा ने बताया कि यीजीसी और मानव संसाधन विभाग नई दिल्ली ने विश्वविद्यालयों को क्षेत्रीय विशेषताओं को भारत वाणी प्रोजेक्ट के तहत मजबूती के साथ सामने लाने का बीड़ा उठाया है। उन्होने बताया कि आदेश के अनुसार बिलासपुर विश्वविद्यालय ना केवल भाषायी विशेषता को संग्रहित करेगा..बल्कि बिलासपुर की विविधता को भी प्रोजेक्ट करेगा। यूजीसी के निर्देशों का पालन करते हुए विलासपुर विश्वविद्यालय साहित्य,खान-पीन,रहन-सहन,सांस्कृतिक विशिष्टता, परंपरागत चिकित्सा पद्धति,एतिहासिक और पौराणिक कथा के साथ-साथ लोककला,गीत,संगीत,नृत्य,पर्व की जानकारी एकत्रित करेगा। शर्मा ने बताया कि देश में 122 भाषा,234 बोलियों का प्रयोग होता है। देश के सभी विश्वविद्यालय भारत वाणी प्रोजेक्ट के तहत अपने-अरने क्षेत्र में विशेषताओं को संग्रहित करेंगे।

                इन जानकारियों को एक सूत्र में पिरोकर यूजीसी को भेजा जाएगा। कुलपति ने बताया कि छत्तीसगढ़ खासकर बिलासपुर की समृद्ध संस्कृति और साहित्य की जानकारी लोगों तक पहुंचेगी। संभव हो कि आने वाले समय में इसी के आधार पर कुछ पाठ्यक्रम भी निर्धारित हों। यह बाद का विषय है लेकिन इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय कलाकारों,साहित्यकारों और जानकारों से संपर्क किया जाएगा।

                                  डॉ.शर्मा ने बताया कि बिलासपुर रत्नगर्भा है। इसकी अपनी अलग विशेषता है। अन्य प्रदेशों की संस्कृतियों की छाप भी यहां दिखाई देती है। लेकिन कलेवर कुछ अलग है। विविधता ही बिलासपुर की विशेषता है। निश्चित रूप से भारत वाणी प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा।

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