भारत संत समाज की भूमि..अतुल कृष्ण

BHASKAR MISHRA
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  IMG_20160314_175711IMG_20160314_173149बिलासपुर– भारत भूमि पर पैदा होने वाला एक एक इंसान संत है। हमारी व्यवस्था ही कुछ ऐसी है कि अंजाने में भी संत का दर्जा रखते हैं। दैनिक जीवन में कोई तो ऐसा पल या अवसर होगा कि हम भगवान को याद करते हैं। जो संत समाज की सबसे बड़ी विशेषता है। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास संत ने कहा कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ हैं। उन्होने कहा जिसने श्रीमद् भागवत का रसपान किया उस पर प्रभु का स्नेह दिन रात बरसता है।

             
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                           भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के निवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का सातवां अंतिम दिन था। कथा के अंतिम दिन केबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल,भूपेन्द्र सवन्नी, देवेन्द्र पाण्डेय समेत जिले के कई आलाधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कथा संत ने कहा कि भगवान ने परमधाम जाने से पहले अपने कुल की बुराइयों को भी नहीं बख्शा।

                       व्यास पीठ से संत अतुलकृष्ण ने कहा कि जीवन में जब भी समय मिले, उसका सदुपयोग किया जाए। कथा व्यास संत ने भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा से बृंदावन लौटने का जीवंत चित्रण किया। उन्होने बताया कि श्रीकृष्ण ने भी आम मानवों की तरह बाबा नंद और माता यशोदा को तीर्थाटन कराया। उन्होने बताया सभी तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ तीर्थ श्रीमद भागवत कथा का रसपान करना है। अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि घर में हर व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथ के लिए कुछ पल निकालना चाहिए।

                IMG_20160314_173122  कथा के जरिए वर्तमान व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए अतुलकृष्ण महाराज ने कहा कि आज पूरी दुनिया जाति पांति,धार्मिक भेदभाव की आग में झुलस रहा है। कहीं बम तो कहीं उन्माद का जहर उगला जा रहा है। उन्होने कहा कि पश्चिम वाले ईव और एडम को अपना पूर्वज मानते हैं। मुस्लिम भाई आदम और होवा से अपना जन्म होना बताते है। हिन्दू लोग अपनी उत्पति आदिम मनु और सतरूपा से जोड़ते हैं। सच्चाई तो यह है कि यह सभी लोग एक हैं। दुनिया के सारे लोगों का डीएनए में अदुभुत समानता है। बावजूद इसके हम अशांत हैं। एक दूसरे के जान के प्यासे हैं। यह सच है कि कलियुग में ऐसा ही होता है। लेकिन यह भी सच है कि जिस दिन लोग इस रहस्य को समझ जाएंगे उसी दिन से सतयुग स्थापित हो जाएगा।

                            कार्यक्रम के अंतिम  दिन अतुल कृष्ण ने कहा कि सात दिनों तक सुकदेव ने परीक्षित को श्रीमद् भागवत सुनाकर जीवन और मरण का गुढ़ रहस्य समझाया। मुझे उम्मीद है कि उसी कथा को सुनकर आप लोग भी जीवन और मरण के गुढ़ रहस्य से दो चार हो चुके होंगे।कथा समापन के पूर्व संत व्यास ने कहा कि मुझे सभी श्रद्धालुओं से सद्भभावना की गुरूदक्षिणा चाहिए।

              कथा समापन के बाद मेजमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने उपस्थित लोगों सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा कि इतना बड़ा आयोजन  बिना हरिकृपा  के संभव नहीं है। अतुल कृष्ण महाराज के मुखारबिन्द से निकले एक-एक शब्द गीतासार है। धरमलाल ने धन्यवाद ज्ञापन के बाद गुरू वंदना की। इस मौके पर सभी श्रद्धालुओं ने कथा व्यास संत से सुखमय जीवन के लिए आशीर्वाद लिया।

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