बिलासपुर— छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी में लिपिकों की मांग को शामिल नहीं किया जाने पर नाराजगी जाहिर की है। रोहित तिवारी प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सरकार को वादा खिलाफी भारी पड़ेगी। सरकार ने लिपिकों से किए वादे को पूरा नही किया है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
छत्तीसगढ़ प्रदेश शासकीय लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में लिपिकों की मांग को शामिल नहीं कर निराश किया है। अपने वचन को पूरा नहीं किया है। 17फरवरी 2019को बिलासपुर त्रिवेणी भवन मे आयोजित लिपिक संघ के प्रांतीय अधिवेशन मे मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के दस हजार लिपिकों के सामने कहाँ था कि हमारी सरकार जुमलेबाजों की सरकार नही हैं। हम जो कहते हैं वही करते हैं।
रोहित ने बताया कि लेकिन बजट में लिपिकों की मांग को शामिल नहीं कर सरकार ने वादा तोड़ा है। जबकि मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में उपस्थित लिपिकों को अपने संबोधन में कहा था कि इस वर्ष किसानो की कर्ज माफी मे बजट पर बोझ आ गया है। अगले साल यानि 2020 के बजट )मे किसानो का कर्ज माफ नही करना हैं । इसलिए वह राशि आप लोगों यानि लिपिकों के काम आएगी। आप लोगों की मांग निश्चित ही पूर्ण होगी।
रोहित ने कहा कि मुख्यमंत्रीने प्रदेश के लिपिकों के अधिवेशन मे किया वादा भूला दिया है। पेश किए गए बजट से लिपिकों को ही नही बल्कि समूचे कर्मचारी जगत को निराशा हाथ लगी है। पहले रमन रमन सरकार ने लिपिकों की मांग को अनदेखा किया था। तब लिपिकों ने पूरे प्रदेश मे वेतन विसंगति दूर नही ,तो चौथी पारी मंजूर नही…नारे के साथ तीन बार की सरकार को सत्ता से दूर किया था।
वर्तमान सरकार के मुखिया के वचन पर लिपिकों ने विश्वास किया। लेकिन वादा खिलाफी से पूरे प्रदेश के लिपिकों मे खासा आक्रोश हैं। बजट मे लिपिकों के साथ सरकार ने वादा खिलाफी की हैं । यदि लिपिकों के पक्ष मे शीघ्र ही सकारात्मक कदम नही उठाया गया तो यह वादा खिलाफी सरकार को भारी पड़ेगी। प्रदेश के लिपिक उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।