रायपुर।भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. दरअसल जांच के दौरान मिली एक चिट्ठी में एक फोन नंबर मिला है और ये नंबर किसी ऐसे वैसे शख्स का नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का है. पुणे के डीसीपी ने इस मामले पर दिए बयान में सीधे तौर पर दिग्विजय सिंह का नाम तो नहीं लिया है लेकिन उन्होंने कहा कि देश भर में इस मामले को लेकर छापेमारी की गई और छापेमारी के दौरान कुछ कागजात मिले हैं जिसके आधार पर मामले की जांच हो रही है.
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गौरतलब है कि एल्गार परिषद मामले में माओवादियों से कथित संबंध के मामले में पुलिस ने देशभर से दस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इनके खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट के साथ एक पत्र भी कोर्ट में दाखिल किया गया है जिसमें दिग्विजय सिंह का नाम लिखा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक ये पत्र किसी कॉमरेड प्रकाश नाम के शख्स ने सुरेंद्र गाडलिंग नाम के एक आदमी को लिखा था जिसमें दिग्विजय सिंह का मोबाइल नंबर लिखा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में लिखा है कि ‘हमे छात्रों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रव्यापी आंदोलन तेज कर देना चाहिए. सरकारी ताकतें छात्रों के खिलाफ उदार रहेंगे, जिससे सरकार हमारे खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान उतनी सख्त नहीं हो पाएगी.
कांग्रेस नेता इस प्रक्रिया में हमारी सहायता करने के इच्छुक हैं और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए पैसा भी देने को तैयार हैं. इस सिलसिले में, आप हमारे मित्र से इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.’ रिपोर्ट के मुताबिक जिस कांग्रेसी मित्र का यहां जिक्र हो रहा है वो कोई और नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह हैं.’
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जिस फोन नंबर का चिट्ठी में जिक्र किया जा रहा है वो राज्यसभा पोर्टल के माध्यम के जरिए सबके पास है. उन्होंने आगे कहा कि पिछले चार सालों में मैने ये नंबर इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर मैं किसी तरह के देशविरोधी गतिविधि में शामिल हूं तो पीएम मोदी और राजनाथ सिंह को मेरे खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.