भूपेश ने पूछा – क्या कांग्रेस को झीरम-2की धमकी दे रहे अमित शाह…?

Shri Mi
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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस को उखाड़ने का जुलमा फेंकने वाले आज खुद उखड़ रहे हैं. गोरखपुर, फूलपुर, कैराना से लेकर छत्तीसगढ़ के स्थानीय निकायों के चुनावों तक के सारे नतीजे बताते हैं कि भाजपा को जनता ही उखाड़ फेंक रही है. कांग्रेस को समूल उखाड़ने की बात पर उन्होंने पूछा कि क्या अमित शाह झीरम-2 की धमकी दे रहे हैं?छत्तीसगढ़ के प्रवास पर आए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने कहा है कि बेहतर होगा कि सहयोगी दलों के दर पर गिड़गिड़ाते घूम रहे अमित शाह भाजपा की चिंता करें कि अगले चुनाव में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में उनकी पार्टी का क्या हश्र होने वाला है.

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भूपेश बघेल ने कहा है कि इन तीन प्रदेशों के बाद लोकसभा में नरेंद्र मोदी की फ़ज़ीहत को अमित शाह कैसे बचाएंगे यह सोचें।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “तड़ीपार रहे और हत्या के आरोपी अमित शाह कांग्रेस को समूल उखाड़ने की धमकी दे रहे हैं तो क्या इसे झीरम-2 की धमकी की तरह देखा जाना चाहिए? क्योंकि उनके मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पिछले चुनावों में कथित नक्सली हमले की आड़ में एक साथ 13 कांग्रेस नेताओं की हत्या का षडयंत्र रचा था. ” बघेल ने कहा कि तब भी रमन सिंह ने सोचा होगा कि कांग्रेस समूल ख़त्म हो गई लेकिन कांग्रेस जन-जन की पार्टी है और इस तरह के कुचक्रों से कभी ख़त्म नहीं होगी।

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राहुल गांधी से चार पीढ़ियों का हिसाब मांगने की शाह की बात पर भूपेश बघेल ने कहा है कि मोतीलाल नेहरू अपनी वकालत छोड़कर आज़ादी की जंग में कूद गए, जवाहर लाल नेहरू आज़ादी की लड़ाई में 10 साल जेल में रहे, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान गवां दी, ऐसी चार पीढ़ियों पर तो हर कांग्रेसी को गर्व है. उन्होंने पलटवार करते हुए पूछा कि अमित शाह अपराध की जिस धारा से आकर अध्यक्ष बने हैं वह भाजपा की ही परंपरा है। वहीं अध्यक्ष घूस लेते पकड़ा जाता है और वहीं हत्या का आरोपी अध्यक्ष बन जाता है।

भाजपा सरकार की योजनाओं की सूची पढ़े जाने पर भूपेश बघेल ने अमित शाह को चुनौती दी कि चाहें तो 14 जून को वे अपनी सूची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दें और वे चलें राजनांदगांव के सुरगी और भोथीपार खुर्द गांवों में और खुद देख लें इन योजनाओं का हश्र। उन्होंने कहा कि इनमें से एक गांव मुख्यमंत्री रमन सिंह का गोद ग्राम है और दूसरा उनके सांसद बेटे का गोद ग्राम. अगर इन दोनों गावों में ग्रामीण परेशान हैं तो पूरे छत्तीसगढ़ का हाल समझा जा सकता है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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