जशपुर नगर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कोरोना संकट और लाॅकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन से किसी प्रकार का कटौती नहीं करने के निर्णय को छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने कर्मचारी हितैषी निर्णय बताया है।
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फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,जशपुर जिला अध्यक्ष विनोद गुप्ता एवं महामंत्री संजीव शर्मा ने देश के अनेक राज्यों में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए प्रयासरत डाक्टरों एवं कर्मचारियों पर हुए हमलों की निंदा की है।फेडरेशन ने मुख्यमंत्री द्वारा गुरुजनों को लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सावधानी का संदेश शिक्षकों द्वारा दिया जा रहा है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को जागरूक रहने एवं जागरूक करने मार्गदर्शन कर रहें हैं। शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारी एवं सदस्य अपने स्तर पर लॉकडाउन में सामाजिक दूरी बनाये रखने एवं स्वच्छता के उपाय एवं उसके कारण का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। घर पर रहने,सुरक्षित रहने का अपील कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में सरकार के कार्ययोजना को शासकीय कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा अमल में लाया जा रहा है।जिसके कारण छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रभाव अन्य राज्यों के तुलना में कम है। फेडरेशन ने सभी शिक्षकों से अपील किया है कि कोरोना संकट के समय में शिक्षक अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के पालन के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक योगदान भी सुनिश्चित करें। समाज को दिशा देने एवं दशा सुधारने में शिक्षकों की भूमिका आदिकाल से प्रभावी रहा है।