रायपुर।महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने विधानसभा सचिवालय में छत्तीसगढ़ महिला कोष के कार्यपालक तथा वित्त समिति, शासी बोर्ड और आम सभा की बैठक में योजनाओं की प्रगति की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये।अनिला भेंड़िया ने कहा कि योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा दायित्व है। सक्षम योजना की समीक्षा करते हुए उन्होेंने कहा कि वनक्षेत्रों की महिलाओं को दोना-पत्तल निर्माण,चिरौंजी,आम,इमली की पैकेजिंग और अन्य वनोपज प्रसंस्करण के व्यवसायिक प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की जाए जिससे अधिक से अधिक महिलाएं लाभान्वित हों और उनकी आमदनी बढ़ सके।cgwall.com के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
उन्होंने कहा कि तृतीय लिंग समुदाय के सदस्य समाज का हिस्सा हैं और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए तत्परता से काम किये जाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होेंने महिला कोष की योजनाओं की जानकारी समूह चर्चा और प्रचार-प्रसार के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुचाने पर जोर दिया।
आमसभा की बैठक में कार्यपालक एवं वित्त समिति तथा शासी बोर्ड समिति में लिये गये निर्णयों और 2018-19 के लिए गये व्यय के साथ वर्ष 2018-19 के लिए साख योजना का अनुमोदन किया गया। इसके तहत 3 हजार 740 महिला स्व-सहायता समूहों को 14 करोड ़85 लाख रूपयों के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। सक्षम योजना के तहत 405 महिलाओं को 2 करोड़ 2 लाख 50 हजार रूपये के ऋण वितरण का लक्ष्य है। साथ ही 540 हितग्राहियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में छत्तीसगढ़ महिला कोष की महाप्रबंधक श्रीमती हेमलता मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक एवं समाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला कोष का गठन किया गया है। तृतीय लिंग वर्ग के अंतर्गत जनवरी 2019 तक 14 हितग्राहियों के स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किया गया है। महिला कोष के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूह ऋण योजना के तहत स्वसहायता समूहों को 3 प्रतिशत साधारण ब्याज की वार्षिक दर पर ़ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत प्रथम बार में 50 हजार रूपये तक तथा द्वितीय बार में 2 लाख रूपये तक का ़ऋण प्रदान किया जाता है। वर्ष 2017-18 में 2 हजार 168 समूहों को 8 करोड़ 66 लाख 45 हजार रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया । साथ ही सक्षम योजना के तहत 405 महिलाओं को ़2 करोड़ 74 लाख से अधिक का ऋण दिया गया। स्वालंबन योजना के तहत 363 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।