मंत्री ने किया दो कर्मचारियों को निलंबित…रविन्द्र चौबे ने कहा…जोगी को अकल होगी… तो बाटेंगे…उन्हें बहुत मौका मिला…

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जलसंसाधन,आयकट,पशु और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि यदि सात जिलों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश में बेहतर मानसून है। हां हम बुआई में कुछ पिछड़ गए थे। लेकिन आकाल की काली छाया की संभावना को देखते हुए सरकार ने पहले से एतिहातन कदम उठाया। अब सब ठीक ठाक है। मानसून भी अच्छा है। अब पानी को लेकर कहीं दिक्कत नहीं है। रविन्द्र चौबे ने बताया कि जोगी के पास अकल होगी तभी तो बाटेंगे। उन्हें बहुत मौका मिला…यदि अकल थी…तो पार्टी में रहने के दौरान उपयोग क्यों नही किया। जोगी गुजरे जमाने की बात है। उनसे अकल लेने की जरूरत भी नहीं है।

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                             जलसंसाधन,पशु एवं कृृषि मंंत्री ने मानसून सक्रियता पर खुशी जाहिर की है। रविन्द्र चौबे ने बताया कि आकाल की काली छाया छट चुकी है। अब परेशानी की कोई बात नहीं है। हमने आकाल के मद्देनजर पहले से ही एतिहाती कदम उठा लिया था। किसान मेहनत करेंगे। पैदावार भी करेंगे। उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर सरकार हरसंभव मदद करेगी।

आरक्षण का राजनीतिक करण से इंकार

             क्या 72 प्रतिशत आरक्षण को राजनातिक कार्ड माना जाए….जबकि मालूम है कि सुप्रीम कोर्ट ने पचास प्रतिशत की बाध्यता को अनिवार्य कर दिया है। चौबे ने कहा कि सीएम ने जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने का एलान किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि आरक्षण की सीमा जनसंख्या के ही आधार पर हो। हम उन वर्गों की चिंता को समझ सकते हैं…उनके लिए भी सरकार विशेष व्यवस्था करेगी।

                       एसटी समाज की मांग है कि 16 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। सवाल के जबाव में चौबे ने कहा कि हम जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे हैं। किसी के मांगने से कुछ नहीं होना है। कई राज्यों में निर्धारित सीमा से अधिक आरक्षण दिया है। कई राज्यों में अधिक आरक्षण दिए जाने का सुप्रीम कोर्ट ने अमान्य किया है। लेकिन कई राज्य ऐसे भी हैं जहां आरक्षण जनसंख्या के आधार पर दिया जा रहा है। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जिस वर्ग की चिंता है उसका निराकरण किया जाएगा।

जोगी के पास अब भी अकल?…समझता हूं खाली हो गया

                               आरक्षण पर ठीक से वर्कआउट नहीं किया गया। मैं जानता हूं कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है। लेकिन अकल नहीं दूंगा..क्योंकि अकल देने से नकल वाले आगे बढ़ जाते हैं। जोगी के बयान पर जवाब देते हुए रविन्द्र चौबेे ने कहा कि जोगी के अकल की जरूरत भूपेश सरकार को नहीं है। आश्चर्य की जोगी के पास अभी अकल है…मेरे ख्याल से अब खत्म हो चुकी है। नकल करने का सवाल ही नहीं उठता है। तंज कसते हुए चौबे ने कहा कि जोगी कांग्रेस पार्टी के नेता रह चुके हैं। उन्हें पार्टी ने बहुत दिया। यदि अकल थी तो उन्हें अकल लगाना चाहिए था। रही बात अकल होगी तभी तो बाटेंगे। जोगी के  लिए समय बीत चुका है।

                     सरकार में आने से पहले कांग्रेसी अडानी का विरोध कर रहे थे। लेकिन लेमरू में ही अडानी को खदान दिया गया। चौबे ने बताया कि सरासर गलत है। लेमरू के प्रस्तावित हाथी पार्क में किसी को खदान की अनुमति नहीं दी गयी है। आखिर क्या वजह है कि संगठन के नेताओं को नई जिम्मेदारी देने में देरी हो रही है। रेवड़ी रेवड़ी धीरे धीरे बट रही है। चौबे ने बताया कि कोई देरी नहीं हो रही है। रही बात एक एक रेवड़ी देने की तो बताना चाहूंगा कि अभी जिम्मेदारियों का वितरण ही नहीं किया गया है। मैं अपनी सीमाओं को नहीं लांघना जानता। जिसकी जिम्मेदारी होगी वही जिम्मेदारियों का वितरण करेगा। कार्यकर्ताओं को नेताओं के आगे पीछे घूमने का सवाल ही नहीं है।

दो निगम कर्मचारी निलंबित

                             गौठान में गायों की मौत हो रही है के सवाल पर रविन्द्र चौबे ने कहा कि यदि शिकायत सही पायी गयी तो कार्रवाई होगी। चौबे ने बताया कि गौठान निर्माण नरवा,गरवा, घुरवा पारी का हिस्सा है। योजना शुरू होने के मात्र दो महीने में गौठान को लेकर जबरदस्त उत्साह है। शहर और गांव सभी जगह गौठान का निर्माण होगा। अभी तो मात्र 2100 स्थानों में एक हजार गौठान का निर्माण हुआ है।

                     बिलासपुर स्थित मोपका में गौठान में भारी अव्यवस्था है। कर्मचारी मौजूद नहीं है। पत्रकारों से जानकारी मिलते ही मंत्री रविन्द्र ने तत्काल गौठान में तैनात लापरवाह निगम कर्मचारी को निलंबित करने का निर्देश दिया। साथ ही सुनिश्चित किया कि वेटनरी डाक्टर को तैनात किया जाए। जो समय समय पर देखभाल करें। क्योंकि गाय और पशुओं के खिलाफ अत्याचार या लापरवाही को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

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